Sheikh Hasina Interview: बांग्लदेश में पिछले वर्ष अगस्त महीने में हुए तख्तापलट के बाद पीएम शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। पिछले डेढ़ साल सेवह भारत में शरण लिए हैं। निर्वासन के बाद पहली बार शेख हसीना ने मीडिया को अपना इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने बांग्लादेश में होने वाले आगामी आम चुनाव, अवामी लीग पार्टी, अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों और अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर खुलकर बात की है। 78 साल की हसीना ने कहा कि वह दिल्ली में आजादी से रहती हैं, लेकिन परिवार के अतीत को देखते हुए सतर्क भी रहती हैं। शेख हसीना ने घर लौटने की इच्छा भी जताई है। हालांकि इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है।
हसीना ने एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि अवामी लीग के बिना बांग्लादेश में चुनाव कराना देश में आगे और विभाजन के बीज बोएगा। हसीना ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वह आम चुनाव का बहिष्कार करें।
हसीना ने कहा कि अवामी लीग पर प्रतिबंध न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह आत्मघाती भी है। बांग्लादेश की राजनीति में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद उन्हें पिछले साल अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। उसके बाद से ये उनका पहला मीडिया संबोधन था। शेख हसीना ने कहा कि अगली सरकार को चुनावी वैधता हासिल होनी चाहिए। लाखों लोग अवामी लीग का समर्थन करते हैं, इसलिए मौजूदा स्थिति में वे वोट नहीं देंगे। अगर आप एक कारगर राजनीतिक व्यवस्था चाहते हैं, तो आप लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित नहीं कर सकते।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अवामी लीग पार्टी फिर से बांग्लादेश की राजनीति में वापसी करेगी, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। उन्होंने कहा, ‘मुद्दा मेरे या मेरे परिवार का नहीं है। बांग्लादेश का भविष्य तभी बेहतर होगा जब देश में संविधान के मुताबिक शासन और राजनीतिक स्थिरता होगी। कोई एक व्यक्ति या परिवार देश का भविष्य तय नहीं कर सकता।’
बांग्लादेश लौटने के लिए रखी एक शर्त
शेख हसीना ने घर लौटने की इच्छा भी जताई है। हालांकि इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है। उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से अपने देश लौटना चाहती हूं, लेकिन तभी जब वहां की सरकार वैध हो, संविधान का पालन हो और कानून-व्यवस्था कायम हो। अगर अवामी लीग को चुनाव लड़ने नहीं दिया तो बहिष्कार होगा।’ हसीना ने चेतावनी दी है कि अगर अवामी लीग को 2026 के चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई, तो करोड़ों समर्थक चुनाव का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘अवामी लीग पर लगाया गया बैन ना सिर्फ गलत है बल्कि खुद सरकार के लिए नुकसानदायक है। देश की अगली सरकार को चुनावी वैधता होनी जरूरी है।” हसीना ने आगे कहा, “अवामी लीग को करोड़ों लोग सपोर्ट करते हैं। अगर उन्हें वोट देने से रोका गया, तो लोकतंत्र का सिस्टम कैसे चलेगा?
आपराधिक आरोपों पर भी बोलीं हसीना
बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 के छात्र विरोध प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई को लेकर हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों का ट्रायल पूरा कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 15 जुलाई से 5 अगस्त 2024 के बीच करीब 1,400 लोगों की मौत हुई, और हजारों लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर सुरक्षा बलों की गोलीबारी से जख्मी हुए थे। अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि हसीना ने सुरक्षा एजेंसियों के जरिए विपक्षी कार्यकर्ताओं के अपहरण, टॉर्चर और गुप्त हिरासत का आदेश दिया था। उनके केस पर फैसला 13 नवंबर को आने की उम्मीद है। पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से हिंसक बल प्रयोग या अन्य कथित अपराधों में शामिल नहीं थीं। हसीना ने कहा, ‘ये कार्यवाही राजनीति से प्रेरित एक दिखावा है।” उन्होंने आगे कहा कि आरोप कंगारू अदालतों द्वारा लगाए गए हैं, जिनमें दोषी का फैसला पहले से तय है। हसीना ने कहा, “मुझे पूर्व सूचना या अपना बचाव करने का कोई अवसर तक नहीं दिया गया।’
शेख हसीना की पार्टी पर लगा है बैन
दरअसल बांग्लादेश में 12.6 करोड़ से ज़्यादा पंजीकृत मतदाता हैं। अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी लंबे समय से देश की राजनीति पर हावी रही हैं और आगामी चुनाव में बीएनपी के जीतने की पूरी उम्मीद है। चुनाव आयोग ने मई में अवामी लीग का पंजीकरण निलंबित कर दिया था। यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने देश की सुरक्षा को खतरा और अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ युद्ध अपराधों की जांच का हवाला देते हुए पार्टी की सभी गतिविधियों पर बैन लगा दिया था।
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