कर्नाटक के मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) भूमि घोटाले मामले हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की पत्नी पार्वती और राज्य सरकार में मंत्री भैरती सुरेश को बड़ी राहत दी है. कर्नाटक हाईकोर्ट (High Court of Karnataka) ने ED (Enforcement Directorate) द्वारा जारी समन को रद्द कर दिया है. प्रवर्तन ने दोनों को कुछ वित्तीय मामलों में पूछताछ के लिए समन भेजा था, जिसे अब हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

भारतीय वायुसेना का एक और विमान क्रैश, लैडिंग के वक्त दुर्घटनाग्रस्त हुआ AN-32 एयरक्राफ्ट, बाल-बाल बचे क्रू मेंबर्स

कर्नाटक हाईकोर्ट ने इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन अब इस समन को भी रद्द कर दिया है. यह समन मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) भूमि आवंटन घोटाले से जुड़ा है.

दिल्ली दंगा 2020: कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने वाले आरोपी शाहरुख पठान को मिली जमानत, इस वजह से कोर्ट ने दी बेल

कर्नाटक हाईकोर्ट ने जनवरी के महीने में पूर्व मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त डीबी नटेश को भेजे गए समन को भी रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत चंदनगौडर की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए कहा था कि 28 और 29 अक्टूबर को नटेश के बयान दर्ज करना नियमों के खिलाफ था. MUDA आयुक्त नटेश ने PMLA के तहत की गई तलाशी और समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

‘शराब पीकर पब्लिक प्लेस में हंगामा किया तौ खैर नहीं…’, विधानसभा में पेश हुआ बिल, अब एक साल जेल और इतने हजार का लगेगा जुर्माना

700 करोड़ के भूमि घोटाले की जांच कर रही ED

ED ने अक्टूबर 2024 में MUDA भूमि घोटाले की जांच शुरू की थी. इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती और उनके भाई बीएम मल्लिकार्जुनस्वामी मुख्य आरोपी हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने सिद्धारमैया से जुड़ी कई संपत्तियों और करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. दिसंबर में ED ने लोकायुक्त को पत्र लिखकर 700 करोड़ रुपये से अधिक के भूमि घोटाले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे. प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया कि गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए भूमि के डिनोटिफिकेशन में नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की गई और बिना विशेषज्ञ रिपोर्ट और उचित समीक्षा के फैसले लिए गए.

BJP नेता कपिल मिश्रा को बड़ा झटका, कोर्ट ने रिवीजन पिटीशन किया खारिज

सीएम ने कार्रवाई को बताया राजनीतिक साजिश

बता दें कि, सीएम सिद्धारमैया ने इस मामले में ED की कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया था. सीएम ने कहा था कि जब लोकायुक्त पहले से ही जांच कर रहा है तो फिर ED की जांच का कोई औचित्य नहीं है. इधर विपक्ष के नेता आर अशोक ने इसे सामान्य कानूनी प्रक्रिया बताया. उन्होंने कहा कि जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे, तब भी CBI, ED और लोकायुक्त की ओर से नोटिस आए थे. यह कोई असामान्य बात नहीं है.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m