कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कॉलेज फर्जीवाड़े को उजागर करने वाले मानसेवी प्रोफेसर डॉ अरुण शर्मा उस वक्त भावुक होकर रोने लगे जब वह फूलबाग स्थित गांधी प्रतिमा को ज्ञापन देने पहुंचे थे। अरुण शर्मा भोपाल विधानसभा तक बाइक यात्रा कर पहुंचेंगे, जहां 10 मार्च को फर्जीवाड़े पर कार्रवाई की मांग के लिए सत्याग्रह करेंगे।

EOW की जांच ठंडे बस्ते में

गांधी प्रतिमा को ज्ञापन देकर बाइक यात्रा की अनुमति ली गई। अरुण शर्मा ने गांधी प्रतिमा को दंडवत नमन किया और उन्हें ज्ञापन पढ़कर सुनाया। इस दौरान वह भावुक हो गए और गांधी के पैरों को पकड़ कर रोने लगे। जीवाजी विश्विद्यालय द्वारा 15 सालों तक झुंडपुरा स्थित शिवशक्ति कॉलेज को सम्बद्धता दी जाती रही, जबकि धरातल पर बिल्डिंग थी न बोर्ड। कागजों में बने कॉलेज के कथित प्रिंसिपल मानसेवी प्रोफेसर डॉ अरुण शर्मा ने इस फर्जीवाड़े को उजागर किया। EOW ने FIR दर्ज की, कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित EC मेम्बर्स को राज्यपाल ने बर्खास्त किया लेकिन EOW की जांच ठंडे बस्ते में चली गयी।

फर्जीवाड़ा करने वाले चोरों से लड़ रहे

फर्जीवाड़ा के खिलाफ अरुण शर्मा ने मोर्चा खोला है। वह ग्वालियर से भोपाल विधानसभा तक बाइक यात्रा कर रहे है। 10 मार्च को विधानसभा के बाहर सत्याग्रह करेंगे। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, BJP-CONG प्रदेश अध्यक्ष और सभी विधायकों को जीवाजी विश्विद्यालय के काले कारनामों को बताएंगे। सत्याग्रह के जरिये विश्विद्यालय को बदनाम करने वाले चेहरों पर कार्रवाई की मांग करेंगे। डॉ शर्मा का कहना है कि उनके दादा बद्रीप्रसाद बुधौलिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वह देश की आजादी के लिए गोरो से लडे थे और वह जीवाजी विश्विद्यालय में फर्जीवाड़ा करने वाले चोरों से लड़ रहे हैं।

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