Shri Ram Darbar Prana Pratishtha 2025. राम जन्मभूमि मंदिर में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा से पहले स्वार्णिम मंदिर अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है. भूतल से लेकर 161 फीट ऊंचा शिखर मंदिर की भव्यता और अलौकिक और अद्भुत स्वरूप प्रदान कर रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का दावा है कि उत्तर भारत का सबसे अलौकिक स्वार्णिम मंदिर का निर्माण हुआ है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से स्वर्ण शिखर और प्रथम तल की तस्वीर जारी की गई है. वहीं सोमवार से प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभारंभ से पहले कलश यात्रा निकाली गई. इधर आज यानी मंगलवार से प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है.
श्री राम जन्मभूमि परिसर स्थित अष्ट देवालयों में आज से अनुष्ठान का आरंभ हो गया है. इससे पहले सोमवार को पूज्य संतों, आचार्यों, श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के न्यासीगण, प्रबुद्ध नागरिकों समेत अपार जनसमूह की उपस्थिति में पुण्य सलिला सरयू के तट से मंगल कलश यात्रा का आयोजन हुआ.
इसे भी पढ़ें : बांके बिहारी कॉरिडोर विवाद : अधिकारियों और वृंदावन के व्यापारियों की बैठक, बढ़ते असंतोष के बीच सामंजस्य बैठाने की कोशिश


श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दिव्य स्वर्णमंडित शिखर तथा नवनिर्मित प्रथम तल

इसे भी पढ़ें : ‘हिंदू धर्म में बलि का विधान बहुत अलग’, देवकीनंदन ने बकरी ईद को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- सड़कों में खून न बहाएं

बता दें कि नव्य भव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के नवनिर्मित आठ देवालयों में एक संग अनुष्ठानपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा होगी. परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्निकोण में प्रथम पूज्य श्री गणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैऋत्य कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. मुख्य मन्दिर में प्रथम तल पर श्रीराम दरबार तथा परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
त्रिदिवसीय आयोजन का शुभारंभा आज से हो गया है. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (3 जून) से प्रारम्भ होकर ये अनुष्ठान दशमी (5 जून) को पूजा, भोग, आरती के साथ परिपूर्ण होगा. अनुष्ठान तीनों दिन प्रातः साढ़े 6 बजे प्रारम्भ होगा. 3 और 4 जून को पूजन विधि प्रातः साढ़े 6 बजे से प्रारम्भ होकर सायंकाल इसी समय तक पूर्ण होगी. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (पांच जून) को पूजन प्रातः साढ़े 6 बजे प्रारम्भ होकर पूर्वाह्न 11:20 तक चलेगा. प्राण प्रतिष्ठा 11.25 से होगी. इसके पश्चात पूजा, भोग एवं आरती होगी. इस दिन सभी कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूर्ण हो जाएंगे.
प्रथम तल पर एक बार में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं की एंट्री
इन मन्दिरों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोलने की तिथि पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है. प्रथम तल पर स्थित श्रीराम दरबार के दर्शन के लिए सीमित संख्या में ही अनुमति दी जाएगी. संभवतः प्रति एक घंटे में 50 श्रद्धालुओं के लिए ही अनुमति पत्र निर्गत किए जाएंगे. विस्तृत योजना पर अभी न्यास में विमर्श चल रहा है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें