बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा में संभाग साल 2025 से लेकर अब तक कई एंटी नक्सल ऑपरेशन किए गए. इन ऑपरेशन्स में सुरक्षा बलों को काफी सफलता भी मिली है. अब बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का दावा है कि बस्तर में अब नक्सलवाद समाप्ति की ओर है. उन्होने कहा कि पोलित ब्यूरो महासचिव बसवराजू के खात्मे के बाद फोर्स का आत्मविश्वास बुलंद है और माओवादी नेतृत्व में हड़कंप मचा हुआ है.


उन्होंने बताया कि अब सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं वो आखिरी चेहरे.. जो कभी इस खूनी विचारधारा के कंधे हुआ करते थे. बस्तर पुलिस ने टॉप माओवादियों की नई सूची जारी की है. साथ ही उनके लिए केवल दो विकल्प दिए हैं- सरेंडर या फिर अंत.
आपको बता दें, नक्सलवाद की आग अब मद्धम पड़ रही है, लेकिन उसकी राख में बचे चिंगारी जैसे कुछ नाम अब भी बाकी हैं. अब वहीं चिंगारियां सुरक्षा बलों की रडार पर हैं. माओवादियों के सबसे ताकतवर नेता, पोलित ब्यूरो महासचिव बसवराजू की मौत ने पूरे माओवादी तंत्र को झकझोर दिया है. इसके बाद लगातार एक के बाद एक शीर्ष कमांडर मारे जा चुके हैं.
बड़े कैडर के नक्सलियों के खात्मे के बाद संगठन हुआ कमजोर
बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में 5 जून को मुठभेड़ में केंद्रीय समिति के सदस्य गौतम उर्फ सुधाकर और तेलंगाना स्टेट कमेटी के भास्कर मारे गए. इससे पहले 21 जनवरी को गरियाबंद की सरहद पर जयराम रेड्डी उर्फ चलपति का अंत हुआ. तेलंगाना सीमा पर राज्य समिति के बड़े चोक्का राव उर्फ दामोदर को भी इसी साल फोर्स ने ढेर कर दिया. वहीं 2021 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में केंद्रीय समिति सदस्य मिलिंद तेलतुंबडे का खात्मा भी माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका था.
इन सिलसिलेवार मौतों ने माओवाद के नेतृत्व को बिखरा दिया है. बचे हुए कमांडरों में नेतृत्व की होड़ नहीं, बल्कि छिपने की होड़ चल रही है. जिन नामों से जंगल थर्राते थे, आज उन्हीं नामों को सरेंडर की अंतिम चेतावनी दी जा रही है.
ये माओवादी हैं सुरक्षा बलों की रडार पर
अब फोर्स की निगाहें मोपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति, थिप्परी तिरूपति उर्फ देवजी, मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर, कादरी सत्य नारायण रेड्डी उर्फ कोसा, पुलारी प्रसाद राव उर्फ चंदन्ना, मोडेम बालकृष्ण उर्फ बालन्ना, गणेश उइके, अनल दा उर्फ तूफान, गजराला रवि उर्फ उदय, सब्यसाची गोस्वामी उर्फ अजय दा, राजचंद्र रेड्डी उर्फ कट्टा रामचंद्र, सुजाता उर्फ कल्पना, थेंतु लक्ष्मी उर्फ नरसिम्हा चलम और सबसे खतरनाक चेहरा माड़वी हिडमा पर टिकी है.
IG सुंदरराज पी की नक्सलियों को चेतावनी
IG सुंदरराज पी ने इन सभी शीर्ष माओवादियों को सीधा संदेश दिया है कि अगर अब भी आत्मसमर्पण नहीं किया, तो अगला नाम इसी लिस्ट से मिटेगा. हमने इन्हें अंतिम अवसर दिया है. आत्मसमर्पण का रास्ता अब भी खुला है… लेकिन अगर हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ा गया, तो कार्रवाई उतनी ही सख्त होगी.
नक्सलियों में बौखलाहट
इन सफल ऑपरेशनों से बौखलाए माओवादी अब कायराना हमलों का सहारा ले रहे हैं. बीजापुर के भैरमगढ़ में एक ट्रक को आग के हवाले करना हो या कोंटा में IED ब्लास्ट इन हमलों में माओवादियों की हताशा साफ झलक रही है. कोंटा के इसी धमाके में एडिशनल एसपी आकाश राव गिरपुंजे शहीद हो गए. लेकिन फोर्स का हौसला नहीं टूटा बल्कि अब युद्ध निर्णायक मोड़ पर है.
उन्होंने आगे कहा कि माओवाद अब वैचारिक नहीं रहा.. सिर्फ हिंसक छाया बनकर रह गया है. शीर्ष नेतृत्व टूट चुका है और फोर्स की पकड़ हर मोर्चे पर मजबूत हो चुकी है.
बस्तर की धरती लाल आतंक की चपेट में दशकों तक रही, लेकिन अब सुरक्षाबलों के शिकंजे ने माओवाद को लगभग पंगु कर दिया है. और जब शीर्ष कमांडरों की सांसें गिनी जा रही हों, तो समझिए माओवादी आंदोलन अब इतिहास बनने की कगार पर है.
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