लखनऊ. अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा अपने सेट किए हुए ‘प्लांटेड लोगों’ के उपनाम का दुरुपयोग करके उप्र के पड़ोसी राज्यों से लोगों को लाकर, समाज को बांटनेवाली जो ‘घुसपैठिया राजनीति’ प्रदेश में कर रही है, उसका सच बच्चा-बच्चा जानता है. उप्र का समाज कुछ नकारात्मक लोगों की गलतियों से बंटेगा नहीं, बल्कि और भी मजबूत होगा. आज क्या उप्र में एक भी ऐसा भाजपाई नहीं है, जिस पर दिल्लीवाले भरोसा कर सकें? शायद ऐसा ही है तभी तो वो बाहर से लोगों को लाकर षडयंत्र की नई बिसात बिछा रहे हैं. सच तो ये है कि ये लखनऊवालों के लिए एक ‘ताल ठोंकती चुनौती’ है कि उप्र को अस्थिर करने के लिए उप्र की सीमा पार से लोग बार बार अंदर आ रहे हैं और प्रदेश का अमन-चैन बिगाड़ कर आराम से वापस चले जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- क्या मंदिर और क्या मस्जिद..! आस्था के आगे टूट गई मजहब की बेड़ियां, बुर्का पहने महिला ने की भोले बाबा की पूजा, VIDEO में दिखा आस्था का अकल्पनीय नजारा

आगे अखिलेश यादव ने कहा, उप्र की भाजपा सरकार क्या अब अपने प्रदेश की सीमाएं किसी भी अराजक तत्व के लिए खोल देगी. अगर ऐसा है तो उप्र की भाजपा सरकार खुलकर घोषणा कर दे या फिर उन अराजकतावादी तत्वों के ख़िलाफ़ FIR करके तुरंत अपनी पुलिस भेजकर गिरफ़्तार करवाए. अगर ये नहीं हुआ तो कल को उप्र की भाजपा सरकार को ठेंगा दिखाते हुए ऐसे और लोग भी आएंगे और उप्र की जनता मान लेगी कि भाजपा सरकार उप्र में कागजी सरकार बनकर रह गई है, न उसके पास कोई नेतृत्व है और न ही उप्र की कानून-व्यवस्था और यहां कि शांति के लिए कोई प्रतिबद्धता. कुछ गिनती के प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोगों ने तो उस कलाकार को भी नहीं छोड़ा जो अपनी थाप से दुनिया देखता है. उसकी ढोलक छीनकर और उस पर आरोप लगाकर ऐसे नकारात्मक लोगों ने अपने ही समाज की सहानुभूति खो दी है.

इसे भी पढ़ें- ब्राह्मणों का हक लूट रहे यादव…मंत्री राजभर का बड़ा बयान, कथावाचक कांड के बाद यादवों पर भड़कते हुए लगाए गंभीर आरोप

आगे अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि हमारे देश की संस्कृति के सच्चे उपासक सदैव सहृदय और करुणा से भरे होते हैं, जो लोग ऐसा करते हैं, वो मानवीय मानकों पर खारिज कर दिए जाने वाले अभारतीय और अमानवीय लोग होते हैं. आज संपूर्ण पीडीए समाज ‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ के हर पीड़ित के साथ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहा है. ’पीडीए’ उत्पीड़न के ख़िलाफ़ नई ढोलक की नई गूंज है. पीडीए ’पीड़ा, दुख और अपमान’ का त्रिदंश झेलने वाले परंपरागत रूप से उपेक्षित और उत्पीड़ित लोगों के बीच आई नई चेतना और एकजुटता का सामूहिक, सामाजिक, सामुदायिक ऐलान है. पीडीए प्रतिशोध की नहीं सोच के परिवर्तन की पुकार है. पीडीए ग़ैर बराबरी को दूर करके समता, समानता, गरिमा, प्रतिष्ठा को सुनिश्चित करनेवाले सकारात्मक -प्रगतिशील ‘सामाजिक न्याय के राज’ का संकल्पित उद्घोष है.

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें