लखनऊ. ‘जाति आधारित भेदभाव’ से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि जेल में निचली जातियों को सफाई और झाड़ू लगाने का काम सौंपकर और उच्च जाति को खाना पकाने का काम सौंपकर सीधे तौर पर भेदभाव किया जाता है. अब इस फैसले पर सपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है. मायावती ने फैसले का स्वागत किया है.

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मायावती ने (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा, देश की जेलों में भी क्रूर जातिवादी भेदभाव के तहत कैदियों से जातियों के आधार पर उनमें काम का बंटवारा कराने को अनुचित व असंवैधानिक करार देकर इस व्यवस्था में ज़रूरी बदलाव करने का माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भरपूर स्वागत.

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मायावती ने आगे कहा, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जातिविहीन मानवतावादी व धर्मपिरपेक्ष संविधान वाले देश में इस प्रकार की जातिवादी व्यवस्था का जारी रहना यह साबित करता है कि सरकारों का रवैया संवैधानिक न होकर लगातार जातिवादी है. अतः मजलूमों के लिए अब सत्ता प्राप्त करना ज़रूरी.

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