रायपुर। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान एक आत्मीय क्षण सामने आया, जिसने सबका ध्यान खींचा। लंच ब्रेक के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हाथ थामते हुए मुस्कराकर कहा कि “छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है।” इस एक वाक्य में प्रधानमंत्री का स्नेह, विश्वास और राज्य के प्रति विशेष रुचि झलक रही थी। उस क्षण, आसपास उपस्थित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मुस्कराते हुए इस संवाद के साक्षी बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में हो रहे सकारात्मक बदलाव, औद्योगिक निवेश, और ‘आत्मनिर्भर बस्तर’ की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की सराहना की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि कैसे बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक बन रहा है – जहाँ कभी बंदूकें चलती थीं, वहाँ अब मशीनें, लैपटॉप और स्टार्टअप की चर्चा हो रही है। नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से लेकर लिथियम ब्लॉक की नीलामी तक, छत्तीसगढ़ अब संसाधनों से परिपूर्ण राज्य बनने की ओर अग्रसर है और देश के विकास में छत्तीसगढ़ की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है।
यह क्षण किसी औपचारिक संवाद का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री साय के प्रयासों की सहज स्वीकृति और सराहना का था। नीति आयोग की बैठक में जहां देशभर के राज्यों ने अपने विकास मॉडल प्रस्तुत किए, वहीं छत्तीसगढ़ की प्रस्तुति ने प्रधानमंत्री की विशेष रुचि और सराहना प्राप्त की। यह स्पष्ट संकेत है कि छत्तीसगढ़ अब केवल एक उभरता हुआ राज्य नहीं, बल्कि देश के समग्र विकास में एक निर्णायक भूमिका निभाने वाला राज्य बन चुका है।
गौरतलब है कि दिल्ली में स्थित भारत मंडपम् में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की यह बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने की। इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल मौजूद थे। पीएम मोदी ने सभी से टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करने का संदेश दिया है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H