Air India Plane Crash: शुक्रवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे के मलबे में से गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) को एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) मिला. ATS के एक अधिकारी ने बताया कि इसे तुरंत कब्जे में ले लिया गया है और वैज्ञानिक जांच के लिए फोरेंसिक टीम बुलाई गई है. उन्होंने कहा, “FSL टीम जल्द ही यहाँ आ रही है.”

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DVR से क्या पता चलेगा? (Air India Plane Crash)

DVR, जिसे ब्लैक बॉक्स का हिस्सा माना जाता है, में फ्लाइट के अंतिम क्षणों के वीडियो, सीसीटीवी फुटेज या कॉकपिट रिकॉर्डिंग हो सकती है.

हादसे से पहले कॉकपिट या उसके आसपास क्या हो रहा था, यह DVR स्पष्ट रूप से दिखा सकता है. यहाँ का हर वीडियोग्राफ़ी डेटा दुर्घटना की वजह समझने में मददगार हो सकता है.

DVR क्या है और क्यों जरूरी है? (Air India Plane Crash)

डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के साथ काम करता है. FDR तकनीकी डेटा (जैसे गति, ऊँचाई), CVR बातचीत-वाणी रिकॉर्ड करता है, जबकि DVR वीडियो की मदद से देखने की स्थिति, पायलट की हरकतें और डैशबोर्ड अलर्ट बताता है.

आधुनिक विमानों में इसे कॉकपिट के अंदर या बाहर कैमरों के माध्यम से जोड़ा जाता है. यह उपकरण तेज़ी से लगने वाले झटके या आग जैसे खतरों में भी सुरक्षित रहने में सक्षम होता है.

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कैसे मदद करेगा DVR हादसे की जांच में? (Air India Plane Crash)

दृश्य सहायक: वीडियो की मदद से पता चलता है कि पायलट ने क्या देखा और क्या निर्णय लिया.

डेटा पुष्टिकरण: FDR और CVR से मिले आंकड़ों को दृश्य रूप से सपोर्ट करता है.

गलती और चूक पहचान: पायलट डिसऑरिएंटेड था या किसी उपकरण में खराबी थी, ये DVR से पता चलता है.
अगर कोई चेतावनी अलर्ट था लेकिन नजरअंदाज हुआ, तो वह भी सामने आएगा.

सुरक्षा सुधार: भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए जरूरी बदलाव सुझाने में यह डेटा महत्वपूर्ण सहारा देता है.

DVR सिर्फ तकनीकी जानकारी नहीं देता, बल्कि वह दुर्घटना की हर दृश्य प्रक्रिया को दिखाता है. यह जांच के लिए एक प्रमाणित सबूत है, जो हादसे की वास्तविक वजहें समझने और अगली बार बेहतर सुरक्षा कदम उठाने में सहायक हो सकता है.

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