महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह फसल बर्बादी और खाद न मिलने से परेशान था। किसान कई दिनों से खाद के लिए सोसायटी के चक्कर लगा रह था। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

अतिवृष्टि से फसल बर्बाद हो गई थी बर्बाद

यह पूरा मामला जिले के श्रीनगर थानाक्षेत्र का है। जहां पवा गांव के किसान रामेश्वर अनुरागी (58) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रामेश्वर अनुरागी ढाई बीघा जमीन में खेती किसानी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। किसान ने खरीफ के सीजन में ड़द-मूंग की फसल बोई थी, जो अतिवृष्टि से फसल बर्बाद हो गई थी। जिसके चलते वह बीते कई दिनों से परेशान चल रहा था।

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रबी फसल की तैयारियों में जुटा था किसान

बताया जा रहा है कि किसान रबी फसल की तैयारियों में जुटा था। खाद के लिए सोसायटी के चक्कर लगा रह था लेकिन उसे खाद नहीं मिल पा रहा था। समिति से खाद न मिलने से वह शुक्रवार की शाम मायूस होकर घर लौट आया। फिर देर रात उसने मकान के कमरे में अंगोछे से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। सुबह जब परिजन सो कर उठे तो उन्हें घटना के बारे में जानकारी लगी। आस-पास मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

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छानबीन में जुटी पुलिस

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। पीएम के रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर, सहकारी समिति सिजहरी के सचिव का कहना है कि मृत किसान समिति का सदस्य नहीं है। किसान कभी उपकेंद्र दवा खाद लेने गया।