शब्बीर अहमद, भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में व्याप्त कथित अनियमितताओं का मामला अब नया मोड़ ले चुका है। राज्यपाल ने कुलगुरु प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है, जिसके बाद प्रोफेसर एससी चौबे को कुलगुरु का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया है। यह फैसला छात्र संगठनों के लगातार विरोध प्रदर्शनों और गंभीर आरोपों के बीच आया है, जहां विश्वविद्यालय प्रबंधन पर नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) की एसएसआर रिपोर्ट में झूठी जानकारी देकर A++ ग्रेड हासिल करने का इल्जाम लगा है।
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विरोध की आंच इतनी तेज हुई कि कुलगुरु प्रो. त्रिपाठी ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने इसे ‘व्यक्तिगत कारणों’ से जोड़ा, लेकिन स्रोतों के अनुसार, नैतिक दबाव और आरोपों की गंभीरता ने इस कदम को मजबूर किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस्तीफे को तुरंत स्वीकार कर लिया, और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एससी चौबे को अंतरिम रूप से कुलगुरु का दायित्व सौंप दिया गया। चौबे ने पदभार संभालते हुए कहा, “विश्वविद्यालय की गरिमा बहाल करने के लिए पारदर्शी जांच और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।”
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उधर, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एसएसआर में गलत जानकारी के आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी, और यदि दोष सिद्ध हुआ तो कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। परमार ने कहा, “शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं। नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”
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