कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी अपने फर्जीवाड़े और घोटालों को लेकर प्रदेश भर में बदनाम हो चुकी है, इसी बीच बीती 31 मार्च को संपन्न हुई पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि NSUI ने पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा से जुड़ा बड़ा आरोप जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर लगाया है। NSUI जिलाध्यक्ष पवन शर्मा का आरोप है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। पवन शर्मा के मुताबिक 31 मार्च 2024 को ग्वालियर में जीवाजी यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा का आयोजन हुआ था लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त यूनिवर्सिटी के कर्मचारी अधिकारियों ने मिलकर इस परीक्षा का पेपर 30 मार्च को ही लीक कर दिया था। इसके पुख्ता सबूत भी उनके पास है।

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यही वजह है कि NSUI ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अरुण चौहान को ज्ञापन के साथ इस पेपर लीक कांड की जांच और दोषियों पर कार्रवाई के साथ ही पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा को निरस्त करने की मांग भी की है। रजिस्ट्रार का कहना है कि जो शिकायत और सबूत भी दिए गए हैं,ऐसे ने मामले में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। गौरतलब है कि NSUI ने पीएचडी एंट्रेंस पेपर लीक से जुड़े व्हाट्सएप चैट को यूनिवर्सिटी के कुलसचिव को सौंपा है। साथ ही जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों अधिकारियों के नाम भी दिए हैं।

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