रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर ऐजाज ढेबर पर मॉस्को ट्रिप से लौटने के बाद अपने प्रेस वार्ता में दिखाए गए दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए मीडिया और रायपुर की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा महापौर के पास आये पत्र में प्रेषित करने वाले का नाम डिप्टी महापौर लिखा है और पत्र में कहीं लोगो या सील साइन नहीं है. मॉस्को में आयोजित समिट महज एक परिवहन एवं सड़क संरचना के विषय पर चर्चा थी, जिसमें भाग लेने विभिन्न देशों से शहरों के परिवहन विशेषज्ञ, विभिन्न शहरों के विकास मंत्री, परिवहन ऑपरेटर, इन्नोवेटर भाग लेने पहुंचे थे, जिसे महापौर ढेबर अपनी आधिकारिक यात्रा बता रहे है.

बीते दिन सोमवार को रायपुर महापौर ऐजाज ढेबर ने रायपुर नगर निगम में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर अपनी हालिया मॉस्को यात्रा के प्रमुख पहलुओं की जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि चीन ब्राजील मध्य एशिया पूर्व एशिया अफ्रीका के देशों के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित हुआ. मैंने अपनी उद्बोधन में ट्रैफिक सुधार पर विचार व्यक्त किया. बीजिंग बाली मास्को जैसे बड़े शहरों के साथ अब हम भी ट्रांसपोर्ट सबमिट के सदस्य बनाकर एक दूसरे के साथ ट्रांसपोर्ट ट्रैफिक प्रदूषण सुधारने के लिए रिसर्च और डाटा का आदान-प्रदान एवं प्रोत्साहन देंगे.

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि रायपुर में लाइट मेट्रो चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी पर प्रस्तुतीकरण देखा. मॉस्को,रूस और रायपुर, भारत के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. जिसमे संयुक्त रूप से दोनो देशों के बीच परिवहन- सड़क, बुनियादी ढांचे को विकसित करने व परिवहन प्रणालियों को सुधारने के लिए सहयोग करने की इरादे से आगे बढ़ेंगे और प्राथमिकता के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए प्रयास करेंगे.

वहीं नेताप्रतिपक्ष ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि इस सम्मलेन में MOU जैसा कोई एग्रीमेंट नहीं हुई है, यह केवल एक संयुक्त वक्तव्य था जिसमें लाइट मेट्रो के लिए MOU का कही जिक्र नहीं है. उन्होंने महापौर ढेबर से जनता और मीडिया को धोखा देने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है.

मॉस्को ट्रिप के लिए निगम आयुक्त को महापौर ढेबर ने भेजा 10 लाख का प्रस्ताव, नहीं मिली स्वीकृति

नेताप्रतिपक्ष मीनल चौबे ने अपने प्रेस वार्ता में आज महापौर ढेबर पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने मॉस्को ट्रिप के लिए भेजे दस लाख के प्रस्ताव के दस्तावेज जारी किये और सरकार से निजी यात्रा के लिए भेजे प्रस्ताव को छुपाने की कोशिश की. उन्होंने कहा यदि महापौर ढेबर कि ये आधिकारिक यात्रा थी, तो उन्हें स्वीकृति क्यों नहीं मिली. जारी किये दस्तावेजों में द ट्रेवल गैलरी के एजेंट द्वारा बनाये गए खाने रहने और आने-जाने के खर्च का ब्यौरा और निगम आयुक्त को 10 लाख की स्वीकृति का प्रस्ताव शामिल था. नेताप्रतिपक्ष का ये कहना है कि इससे ये साबित होता है कि जिस यात्रा को महापौर आधिकारिक बता रहे है वो असल में निजी यात्रा थी.

जानिए पत्र को लेकर महापौर ढेबर ने क्या कहा:

वहीं इस पर महापौर ढेबर का कहना है की आमंत्रण के कुछ दिन बाद मॉस्को भ्रमण के लिए उनके द्वारा निगम आयुक्त को 10 लाख की राशि स्वीकृत करने को पत्र लिखा गया था, हालांकि कुछ दिनों बाद मॉस्को सरकार द्वारा इस ट्रिप का खर्च उठाने की जानकारी उन्हें मिली.

महापौर ने प्रेस वार्ता कर साझा की जानकारी: