बाराबंकी. कागजों में जिंदा होना बहुत जरूरी है. किसी शख्स का जिंदा होने के बाद उसे कागजों में मार दिया जाए तो सोचिए ये उसके लिए कितनी मुश्किलें खड़ी कर सकता है. उत्तर प्रदेश के बारांबकी में एक 72 साल के बुजुर्ग को विभाग ने कागजों में मृत घोषित कर दिया है. बुजुर्ग के घरवाले परेशान हैं, वे लगातार विभागीय अधिकारियों से बुजुर्ग के जिंदा होने का प्रमाण दे रहे हैं, लेकिन कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है.

हैदरगढ़ पंचायत के 72 साल के गुरुदीन को विभाग ने कागज पर मृत घोषित कर दिया है. बुजुर्ग गुरुदीन को इस बात का पता तब चला, जब वह पेंशन लेने ग्राहक सेवा केंद्र पहुंचे. वहां बुजुर्ग गुरुदीन ने पेंशन देने के लिए कर्मचारी से कहा तो वह बोला कि आपकी पेंशन किसी वजह से रुक गई है. जब बुजुर्ग गुरुदीन ने इसका पता लगाया तो जानकारी हुई कि उन्हें विभाग मृत मान चुका है. बुजुर्ग गुरुदीन ने कहा कि पेंशन बुढ़ापे का सहारा होता है, लेकिन उनकी पेंशन 14 महीने से रुकी है.

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गुरुदीन ने विभाग के अधिकारियों को खुद को जिंदा होने के सबूत भी दिए, लेकिन अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं. बुजुर्ग गुरुदीन का कहना है कि जबतक दस्तावेजों में उसे जिंदा नहीं घोषित किया जाएगा, तबतक उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी. घरवालों ने कहा कि 72 साल की उम्र में बुजुर्ग को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. कोई भी अधिकारी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. कागजों में ये गड़बड़ी कैसे हुई ये उन्हें पता नहीं है. विभाग इस संबंध में कुछ भी नहीं बता रहा है.

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