हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक विदेशी निवेशक के साथ धोखाधड़ी और अपहरण के मामले ने शहर में सनसनी फैला दी है। रूस के मॉस्को में रहने वाले गौरव अहलावत, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के माध्यम से भारत में निवेश किया था, ने इंदौर पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है। गौरव का आरोप है कि कन्फेक्शनरी माफिया संजय जैसवानी ने उनके साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की और उन्हें बंधक बनाकर मारपीट की। इस मामले में यह खुलासा हुआ है कि जैसवानी को राज्य के मंत्री तुलसी सिलावट का संरक्षण प्राप्त है, क्योंकि सिलावट के बेटे की हिस्सेदारी जैसवानी की कंपनी में बताई जा रही है।

धोखाधड़ी और अपहरण की घटनाएं 

गौरव अहलावत ने बताया कि उन्होंने 2012 में संजय जैसवानी से व्यापारिक संबंध बनाए थे और बाद में दोनों ने मिलकर एक कंपनी की स्थापना की। हालांकि, जैसवानी ने बाद में धोखाधड़ी करते हुए गौरव के हिस्से की फैक्ट्री और शेयरों पर कब्जा कर लिया। 11 सितंबर को, जैसवानी और उसके साथियों ने गौरव के इंदौर स्थित घर पर हमला किया और उन्हें बंधक बनाकर रखा। गौरव का कहना है कि उन्हें जबरन फैक्ट्री और शेयर ट्रांसफर करने के लिए धमकाया गया और मारपीट की गई।

मंत्री तुलसी सिलावट का संरक्षण?

इस मामले में संजय जैसवानी पर मंत्री तुलसी सिलावट का हाथ बताया जा रहा है, क्योंकि सिलावट के बेटे की जैसवानी की कंपनी में हिस्सेदारी है। जानकारों का मानना है कि जैसवानी को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, जिसकी वजह से वह लगातार अपराधों को अंजाम दे रहा है। शहर में यह चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के चलते जैसवानी के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है, जबकि मामले की गंभीरता साफ है।

जैसवानी पर पहले से भी दर्ज है मामला

यह पहली बार नहीं है जब संजय जैसवानी का नाम ऐसे किसी गंभीर मामले में सामने आया हो। इससे पहले भी जैसवानी पर एक एफआईआर दर्ज है, जिसमें उसने अपने ही चार्टर्ड अकाउंटेंट को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की थी। आरोप है कि जैसवानी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट को करोड़ों रुपये के गबन में फंसाने की धमकी दी थी। इस पुराने मामले के बावजूद, जैसवानी के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उसकी आपराधिक गतिविधियों में और बढ़ोतरी हुई।

राजनीतिक दबाव और पुलिस की निष्क्रियता?

इस नए मामले में पुलिस की धीमी कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि मंत्री तुलसी सिलावट के राजनीतिक दबाव के चलते संजय जैसवानी के खिलाफ ठोस कदम उठाने में देरी हो रही है। गौरव अहलावत ने प्रधानमंत्री कार्यालय और इंदौर पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, लेकिन अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई सख्त कदम नहीं उठाया है।

संजय जैसवानी और मंत्री तुलसी सिलावट के बीच कथित संबंधों को लेकर शहर में जनता का आक्रोश बढ़ रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि राजनीतिक संरक्षण के चलते अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। इस मामले ने इंदौर के व्यापारिक और राजनीतिक माहौल को हिला कर रख दिया है, और लोग अब निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग कर रहे हैं।

पुलिस की अगली कार्रवाई पर नजर

फिलहाल, इंदौर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते इस जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। जनता की नजर अब पुलिस की अगली कार्रवाई पर टिकी है, और यह देखना बाकी है कि क्या संजय जैसवानी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई होती है या नहीं।

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