कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में डेंगू की बीमारी ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, इस साल डेंगू के आंकड़ों की बात करें तो 325 डेंगू के मरीज शहर में अब तक सामने आ चुके हैं। अभी भी डेंगू के मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। वहीं पिछले साल डेंगू के मरीजों का आंकड़ा तकरीबन 300 के लगभग था। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू के रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं, विभाग का कहना है कि डेंगू प्रभावित इलाकों में उनकी स्वच्छता और जागरूकता की टीम भी जा रही है, जो लोगों को डेंगू से बचने के उपाय और डेंगू के लक्षण होने पर अस्पताल जाने की सलाह दी जा रही है। वहीं अब तक डेंगू से तकरीबन आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।

इससे कहीं ज्यादा है निजी अस्पतालों का आंकड़ा 

आपको बता दे कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक 325 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं।  यदि निजी अस्पतालों की बात की जाए तो शहर में डेंगू का आंकड़ा 1000 के पार हो चुका है।  लेकिन निजी अस्पतालों के डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं की जाती। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की जो रिपोर्ट पॉजिटिव आती है उसका एलायजा टेस्ट नहीं किया जाता और जब तक एलायजा टेस्ट ना किया जाए उसको सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं किया जा सकता।

चिकनगुनिया पीड़ित मरीजों की भी संख्या में इज़ाफ़ा 

आपको बता दे कि सिर्फ डेंगू नहीं बल्कि शहर में चिकनगुनिया के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं अब तक सरकारी रिकॉर्ड की बात की जाए तो करीब 100 चिकनगुनिया के मरीज अब तक सरकारी पोर्टल पर दर्ज किया जा चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू, चिकनगुनिया और मौसमी बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय सावधानी है। लोग जितना सतर्क रहेंगे, अपने घरों और आसपास में पानी भरने से रोकेंगे। बाहर की चीज खाने से बनेंगे उतना इस मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहे सकेंगे।

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