लक्षिका साहू, रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष के चुनाव को प्रत्यक्ष पद्धति से कराने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री का चुनाव सांसदों के माध्यम से होता है, मुख्यमंत्री का चुनाव विधायकों के माध्यम से ही होता है, लेकिन महापौर और अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है तो उसमें भाजपा को भरोसा नहीं है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी को भारत के संविधान पर भरोसा नहीं है। देश के निहित प्रावधान में भरोसा नहीं है। चुनाव चाहे प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ माहौल है। ज्यादातर महापौर और अध्यक्ष कांग्रेस से ही जीत कर आयेंगे।

इस निर्णय से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता – महापौर ढेबर

महापौर एजाज़ ढेबर ने प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्षों के चुनाव के फैसले पर कहा कि यह कोई नया फैसला नहीं है। उन्होंने बताया कि यह जानकारी पहले से ही सभी नेताओं के माध्यम से मिल रही थी। ढेबर ने कहा कि पिछली सरकार में बदलाव होने से पहले भी यह प्रणाली लागू थी और इस निर्णय से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता। उनका मानना था कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं, लेकिन जल्दी होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे जो भी प्रणाली हो, निकायों में कांग्रेस का ही महापौर होगा। अंत में, ढेबर ने यह भी आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति की वजह से सरकार नगरीय निकाय चुनाव कराने से डर रही है।

भूपेश सरकार के समय अप्रत्यक्ष प्रणाली में किया गया था तब्दील

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सोमवार 2 अक्टूबर को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

यहां यह उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन भूपेश सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।

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