कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में बिना आरोप थाने में बंद कर 50 हजार वसूलने के मामले में स्पेशल कोर्ट (Special Court) ने GRP के इंस्पेक्टर (Inspector) और दो सिपाहियों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले को लेकर 26 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।

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क्या है पूरा मामला
यह मामला 14 अक्टूबर 2023, ग्वालियर रेलवे स्टेशन का है। जब शहर के तारागंज इलाके के रहने वाले टीकाराम रजक का विवाद नेहा यादव नाम की महिला से हुआ था। महिला ने जीआरपी थाने पहुंच कर मामले की शिकायत की थी। लेकिन बाद में दोनों के बीच राजीनामा हो गया था। इसके बावजूद 23 अक्टूबर 2023 को जीआरपी सिपाही राहुल यादव और प्रशांत यादव टीकाराम को घर से उठाकर ले गए। लॉकअप से छोड़ने के एवज में पुलिस वालों ने टीकाराम से 50 हजार मांगे। टीकाराम की पत्नी सोनम ने जब 50 हजार रुपए पुलिस वालों को दिए तब टीकाराम को लॉकअप से छोड़ा गया।

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इस घटना के खिलाफ पीड़ित टीकाराम ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में परिवाद दायर किया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जीआरपी थाने की तीन दिन की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मांगी। लेकिन फुटेज कोर्ट में देने से मना करते हुए बताया गया कि कैमरे खराब है। कोर्ट ने तकनीकी विशेषज्ञ को बुलाया और उनके द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि थाने के कैमरे सही है। जिसमें ये सामने आया कि, तो तीन दिन की वीडियो डिलीट की गई है, या फिर कैमरे बंद रखे गए थे। ऐसे में स्पेशल रेलवे कोर्ट ने टीकाराम को 3 दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखने और उसे अवैध वसूली के आरोप में जीआरपी थाने के तत्कालीन टीआई वीरेंद्र झा और दो सिपाही राहुल यादव प्रशांत यादव पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

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