रायपुर. भारतमाला प्रोजेक्ट के भू-अर्जन घोटाले मामले में अबतक की जांच में 150 संदिग्ध लोगों की जानकारी और उनके 130 बैंक खातों के बारे में पता चला है, जिसकी गहनता से इस वक्त जांच की जा रही है. जो संदिग्ध मिले में हैं उनमें महासमुंद और अभनपुर के लोग शामिल हैं. महसमुंद के आईसीआईसीआई बैंक के 130 बैंक खाते मिले हैं. इन खातों के जरिए कितने रूपये का लेन-देन हुआ है इसकी जांच जारी है. 

इस घोटाला मामले में जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पिछले 1 महीने के भीतर दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कुछ लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है. इनमें केदार तिवारी और उनकी पत्नी उमा तिवारी, कारोबारी हरमीत सिंह खनूजा और विजय जैन शामिल हैं. ये सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं. छापेमारी के दौरान बरामद किए गए अहम दस्तावेज और कई लोगों से पूछताछ में 150 संदिग्ध और उनके खातों की जानकारी सामने आई. भारत माला प्रोजेक्ट के मुआवजा राशि जिन दो दर्जन किसानों के खाते में आई, यह राशि हरमीत सिंह के खाते में ट्रांसफर होने की जानकारी एसीबी-ईओडब्ल्यू को पता चली है. 

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की है. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया था.

क्या है भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.