लखनऊ. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के महासचिव सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया. उनके निधन पर मायावती ने दुख जताया है. सोशल मीडिया X पर उन्होंने संवेदना प्रकट की. उन्होंने लिखा कि ‘देश की राजनीति में चर्चित नाम सीपीएम महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सीताराम येचुरी का इलाज के दौरान निधन हो जाने की खबर अति-दुखद. वे कुशल सांसद व मिलनसार व्यक्ति थे. उनके परिवार व समस्त चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. कुदरत उन सभी को इस दुख को सहने की शक्ति दे.’

चेन्नई में एक तमिल परिवार में हुआ था जन्म

सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तमिल परिवार में हुआ थाष उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी और मां कल्पकम येचुरी आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के मूल निवासी हैं. उनके पिता आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे. उनकी मां एक सरकारी अधिकारी थीं.

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हैदराबाद में की 10वीं तक पढ़ाई, दिल्ली में उच्च शिक्षा

सीताराम येचुरी हैदराबाद में पले-बढ़े और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की. 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान वे दिल्ली ला दिया. उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर पहले स्थान पर रहे. इसके बाद, उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बी.ए. (ऑनर्स) की पढ़ाई की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया, दोनों में प्रथम श्रेणी हासिल की. ​​उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी करने के लिए जेएनयू में दाखिला लिया, जिसे आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी के साथ रद्द कर दिया गया.

1974 में की थी राजनीति की शुरुआत

 येचुरी ने 1974 में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. इसके कुछ दिन बाद वे सीपीआई एम के सदस्य बन गए. इमरजेंसी के दौरान येचुरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.

2016 में मिला था सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और पार्टी के संसदीय समूह के नेता रह चुके हैं. वह 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. आपातकाल में जेएनयू में रहते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद वह लगातार तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. 1984 में उनको सीपीआई एम की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था. 2015 में उनको पार्टी का महासचिव चुना गया. येचुरी 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने सदन में कई मुद़्दे उठाए.