शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए खुशखबरी है। पीरियोडिक लेबर फोर्स के सर्वे के मुताबिक प्रदेश में सबसे कम बेरोजगारी दर है। राज्य में एक फीसदी से भी कम बेरोजगार हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है। वहीं इन आंकड़ों को कांग्रेस ने झूठा करार दिया है। सवाल उठाते हुए विपक्ष ने पूछा कि आंकड़ों को लेकर आखिर झूठा कौन? आखिर ऐसा कौन सा जादू की छड़ी घुमाई कि भोपाल का आंकड़ा दिल्ली जाकर छोटा हो गया।

केरल और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में युवा बेरोजगारी दर ज्यादा है। वहीं, मध्य प्रदेश और गुजरात में सबसे कम बेरोजगारी दर है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) से पता चला है कि केरल में 15-29 वर्ष आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 29.9% है, जिसमें महिलाओं में बेरोजगारी दर 47.1% और पुरुषों में 19.3% है।

एमपी में सबसे कम युवा बेरोजगारी दर

राज्य 23-24 उम्र में बेरोजगारी दर
बिहार 3.0
छत्तीसगढ़ 2.5
दिल्ली 2.1
झारखंड 1.3
गुजरात 1.1
मध्य प्रदेश 0.9

सभी उम्र के 13 सितंबर तक एमपी रोजगार पोर्टल पर 2,652,231 से ज्यादा युवा रजिस्टर

आखिर ऐसा कौन सा जादू की छड़ी घुमाई

कांग्रेस ने सवाल करते हुए एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “1. केंद्र सरकार द्वारा 24 सितंबर 2024 को जारी हुए “आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण” के आंकड़ों के आधार पर मप्र में 1% से भी कम बेरोजगार बताए जा रहे है। 2. मध्यप्रदेश सरकार ने 21 जुलाई 2024 को मप्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के सवाल के जवाब में 25 लाख 82 हजार 759 बेरोजगारों की संख्या को कबूला है।”

सोशल मीडिया पर आगे लिखा, “प्रदेश का युवा जानना चाहता है कि CM मोहन यादव ने आखिर कौन सी जादू की छड़ी घुमाई कि भोपाल का आंकड़ा दिल्ली जाते जाते सूक्ष्म रह गया या प्रदेश को सर्वे के माध्यम से भ्रमित किया जा रहा है।” 

बेरोजगारी दर कम होने के पीछे युवाओं की सोच का बदलना: अभिभावक

कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। 28 राज्यों की सर्वे रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में युवाओं की बेरोजगारी दर 1% से भी कम होने को लेकर युवा और उनके अभिभावकों ने अपनी अपनी राय व्यक्त की है। ज्यादातर युवाओं का मानना है कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर कम होने के पीछे युवाओं की सोच का बदलना है। क्योंकि आज का युवा सरकारी नौकरी हासिल करने के इंतजार में अपना करियर खराब नहीं कर रहा। वह अब प्राइवेट जॉब के साथ ही स्टार्टअप से ज्यादा जुड़ रहा है। जिसके चलते वह खुद के साथ दूसरों को भी रोजगार दे पा रहा है।

एग्जाम लीक से सरकारी नौकरी पर कम हुआ भरोसा

वहीं, युवाओं के अभिभावकों का मानना है कि मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों में कम भर्ती निकलने के साथ ही सरकारी नौकरियों के एग्जाम पेपर लीक होने के बाद युवाओं का भरोसा सरकारी जॉब से कम हुआ है। यही वजह है कि मध्य प्रदेश का युवा अब खुद की दम पर कुछ ना कुछ कर रहा है। इस दौरान सीखो कमाओ योजना के अलावा केंद्र और प्रदेश सरकार की आसानी से लोन सुविधा के चलते प्रदेश में स्वरोजगार में बढ़ावा हुआ है। जिसका सीधा असर मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर कम होने पर हुआ है।

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