सत्या राजपूत, रायपुर। मैनपाट में टीकाकरण के बाद तीन माह की दूधमुही बच्ची की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि टीकाकरण के पहले उनकी बच्ची स्वस्थ थी। बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच इस मामले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव का बयान सामने आया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंह देव ने कहा कि यह जानकारी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। माता-पिता ने बताया कि टीका लगने के बाद बच्चे को बुखार आया, जिसके कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई। सिंह देव ने आगे कहा कि मीडिया में यह खबर आई है कि डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की मौत दूध की सांस की नली में अटकने के कारण हुई है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि बिना सभी तथ्यों को जाने कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन बुखार आना यह दर्शाता है कि टीका लगने के बाद कोई न कोई रिएक्शन जरूर हुआ है।

उन्होंने सुझाव दिया कि जिस दवाई का इस्तेमाल किया गया है, उस बैच की सभी दवाइयों को फिलहाल रोक दिया जाना चाहिए। जहाँ-जहाँ यह टीका लगाया गया है, उन्हें अलग कर लेना चाहिए और स्टोर में सुरक्षित रखकर उनकी जांच करनी चाहिए। यदि जांच में सैंपल सही पाया जाता है, तभी उनका उपयोग किया जाना चाहिए।

सिंह देव ने यह भी पूछा कि जब टीका खरीदा गया था, क्या उस समय इसका क्वालिटी कंट्रोल किया गया था। सभी दवाइयों को जांच के लिए लैब में भेजा जाता है और जब सैंपल क्लियर आता है, तभी उनका उपयोग होता है। उन्होंने चेतावनी दी कि बिलासपुर के बाद अब मैनपाट में भी इसी तरह की घटना हो रही है, इसलिए इसे गंभीरता से लेते हुए गहराई से जांच की जानी चाहिए कि इसका कारण क्या है और ऐसा क्यों हो रहा है।

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