लखनऊ. पहले की राजनीति और अब की राजनीति में बहुत अंतर आ गया है. ये लाइन सिर्फ कहने के लिए या बयानबाजी करने के लिए नहीं है. बल्कि वास्तविकता है. आज राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है कि नेता सारी मर्यादाएं भूल गए हैं. हम ये ऐसे ही नहीं कह रहे हैं. योगी सरकार के बिजली विभाग के मंत्री ऐके शर्मा के कार्यालय और समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के बीच जिस स्तर की बयानबाजी चल रही है, अगर उसे आप पढ़ लेंगे तो आपको शर्म आ जाएगी कि सार्वजनिक माध्यमों में किस तरह से मर्यादाओं को तार-तार किया जा रहा है.
दरअसल, सपा मीडिया सेल का एक लेटेस्ट पोस्ट है जिसमें वे मंत्री को जवाब दे रहे हैं. लेकिन जवाब का स्तर इतना गिरा हुआ है कि क्या कहें. पोस्ट में लिखा है कि ‘तो तुम @AKSharmaOffice क्या जीबी रोड/सोनागाछी की दलाली के लिए बैठाए गए हो ? सुवर की औलाद फिर ये तेरा कैसा विकास ? इतने साल से क्या कर रहा है निकृष्ट ? काहे का बिजली काहे का नगर विकास ? बोल सुवर की औलाद ?’ ये भी बता दें कि ये जवाब ऐसे ही नहीं आया है. ताली दोनों हाथों से बजती है. मंत्री के कार्यालय की ओर से पहले प्रतिक्रिया आई. जिसके बाद सपा मीडिया सेल में उसी भाषा में इसका जवाब दिया.
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नागवार गुजरी शिकायत?
बता दें कि इस मामले की शुरुआत एक शिकायत से हुई. जहां सपा मीडिया सेल ने विभागीय मंत्री को शहर में फैली गंदगी के बारे में बताया. इस पर मंत्री के कार्यालय की ओर से ये जवाब आया-
इस पर सपा ने सवाल करते हुए फिर एक पोस्ट किया कि ‘@aksharmaBharat @AKSharmaOffice कोई आपको आपके विभाग की कमी ,कूड़ा कचरा दिखायेगा ,आपके विभाग की खामियां बताएगा तो आप उसे मक्खी बोलेंगे ? आपके सरकार के अधिकतर बड़बोले मंत्रियों की भाषा शैली का सुधार हो चुका है ,अपनी आप अब सुधार लीजिए ,यहां भाषाई ज्ञान ना दीजिए’. ये जुबानी जंग यहीं पर नहीं रुकी.
इन्हें भी पढ़िए-
इतना ही नहीं सपा ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि ‘अपने @AKSharmaOffice को समझाइए मंत्री महोदय @aksharmaBharat जी और खुद भी थोड़ा तमीज में आ जाइए ,आपको आज भर का समय दिया जा रहा है अति के बाद शिशुपाल का हश्र आपको पता ही होगा ? हम आपके विभाग को इतना उधेड़ेंगे कि आप सीते सिलवाते थक जायेंगे आपकी विभागीय कमियां इतनी हैं कि हम उधेड़ते रहेंगे लेकिन आप सी नहीं पाएंगे इसीलिए आपकी जो…….पड़ी है उसे बचाइए और अगर अभी भाषाई अमर्यादा का शौक बचा हो तो मक्खी की तरह और भिनभिनाइय और हम आपका यूं ही स्वागत अभिनंदन करते रहें’.
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दोनों तरफ के पोस्ट देखकर लग रहा है कि दोनों ‘तू डाल डाल मैं पात पात’ की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. दोनों तरफ से जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है उससे ये अंदाजा लगा सकते हैं कि आज राजनीति का स्तर क्या हो गया है. ऐसा लगता है कि जैसे अब नेता या पार्टियों में सहनशक्ति नाम की कोई चीज ही नहीं हैं. सब रेस में लगे हुए हैं कि कौन सबसे ज्यादा गिर सकता है. क्योंकि दोनों ओर से जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं उसकी जानकारी उनके नेताओं को नहीं होगी ऐसा तो हो नहीं सकता. ये एक चिंतनीय विषय है.
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