अखिलेश बिल्लौरे, हरदा। मध्यप्रदेश में सरकार के लाख दावे के विपरीत खाद की किल्लत बनी हुई है। प्रदेश के कई जिलों में खाद के लंबी लंबी लाइन लगानी पड़ रही है तब मुश्किल से खाद मिलती है। ऐसा ही नजारा हरदा जिले में देखने को मिला। अन्नदाता किसान खाना पीना छोड़कर खाद वितरण केंद्र के बाहर परी रात गुजार रहे हैं। जिला प्रशासन ने किसानों के लिए ना तो टोकन व्यवस्था की और ना ही अन्नदाताओं के लिए बैठने की व्यवस्था। अब किसानों को इसी बात का मलाल है कि उन्हें खाद मिलेगा भी या नहीं, क्योंकि व्यवस्था के नाम पर किसानों को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।

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दरअसल यह सीजन रबी का है। इस समय गेहूं और चना बोने के लिए किसान सोयाबीन की फसल काटकर अपने खेतों को तैयार कर चुका है। अब आगे की तैयारी गेहूं और चना बोनी के लिए किसान जुटे है। क्योंकि जब तक किसान को यूरिया और डीएपी की खाद नहीं मिलेगी, तब तक किसान अपने खेत की बोनी नहीं कर सकता। इसके लिए किसान एक दिन पहले ही रात में जमीन पर सोकर खाद वितरण केंद्र पर रात गुजारने को मजबूर है।

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