रायपुर. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आज बिलासपुर के अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘कुल उत्सव’ समारोह में शामिल हुए। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। राज्यपाल खान ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधा लगाया. उन्होंने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका ‘कन्हार’ के नए अंक सहित विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन भी किया। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने समारोह की अध्यक्षता की। उप मुख्यमंत्री अरुण साव अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। विधायकअमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, सुशांत शुक्ला और जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान भी कार्यक्रम में शामिल हुए.

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ‘कुल उत्सव’ में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर नमन करते हुए कहा कि अटल जी सच्चे जननायक थे। सभी वर्गों में उनकी समान रूप से स्वीकार्यता थी। जटिल विषयों पर भी वे देशहित में त्वरित निर्णय लेते थे। देश के प्रति उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। वे कुशल राजनीतिज्ञ थे। राज्यपाल खान ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ज्ञान और शिक्षा से आदमी इंसान बनता है। ज्ञान और शिक्षा से ही मनुष्य का विकास संभव है। ये ही सशक्तिकरण का जरिया है। भारत की संस्कृति ज्ञान की संस्कृति रही है। भारत ज्ञान का बड़ा केन्द्र रहा है। पूरी दुनिया में भारत को ज्ञान एवं प्रज्ञा के संवर्धन के लिए जाना जाता है। उन्होंने शैक्षणिक एवं अन्य उपलब्धियां हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

‘कुल उत्सव’ समारोह की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि अटल जी के जीवन वृत्तांत को शब्दों मे पिरोना कठिन है। अटल जी की जीवनी से प्रेरणा लेकर हमें उनके मार्ग पर चलना चाहिए। अटल जी ऐसे मनीषी थे जो सदियों में एक बार जन्म लेते हैं। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए उन्होंने काम किया। श्री साहू ने अटल जी की कविताओं का पठन भी किया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने समारोह में अटल जी को नमन करते हुए कहा कि वे प्रखर राष्ट्रवादी और जननायक थे। वे अपने दृढ़ संकल्पों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में जो भाषण दिया वो राष्ट्रवादिता का प्रतीक है। उन्होंने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया। छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा दिलाया। आज छत्तीसगढ़ राज्य जो संवर रहा है, बढ़ रहा है, यह अटल जी की ही देन है। उनके कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ का रोम-रोम कृतज्ञ है। उनकी स्मृतियों को संजोने राज्य के 187 नगरीय निकायों में अटल परिसर बनाया जा रहा है। अटल संकल्पों के साथ यह विश्वविद्यालय भी आगे बढ़ रहा है।

समारोह में कुलपति आचार्य अरूण दीवाकर नाथ वाजपेयी ने स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने पौधे भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों की जानकारी दी। कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह, नगर निगम के कमिश्नर अमित कुमार और जिला पंचायत के सीईओ संदीप अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित थे।