महाकुंभ नगर. योगी सरकार न सिर्फ बॉलीवुड, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कलाकारों, बल्कि स्कूली बच्चों को भी महाकुम्भ में अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराएगी. इसके लिए संस्कृति विभाग की तरफ से प्रयागराज के 9 कॉलेजों में 9 विधाओं में स्कूल/कॉलेजों के बच्चों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण 22 जनवरी तक चलेगा. इसके बाद स्कूली बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन महाकुम्भ में करेंगे. प्रदेश भर के नामचीन प्रशिक्षकों द्वारा 9 विधाओं में लगभग 600 स्कूली बच्चों को निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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22 जनवरी तक प्रयागराज के 9 स्कूल/कॉलेजों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अवधी लोकगायन का प्रशिक्षण श्रीकृष्णा डिग्री कॉलेज करछना, मशकबीन का प्रशिक्षण मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज करछना, जादू का प्रशिक्षण ब्रजमंगल सिंह इंटर कॉलेज रामपुर करछना, अवधी लोकगीत/नृत्य का प्रशिक्षण आरपी इंटर कॉलेज एफसीआई रोड चौक नैनी, लोकगायन का प्रशिक्षण सर्वोदय शिक्षा सदन इंटर कॉलेज भीरपुर करछना, ढेढिया नृत्य का प्रशिक्षण कमला स्मारक इंटर कॉलेज इतरौरा बलापुर करमा रोड नैनी, ब्रज के लोकनृत्य का प्रशिक्षण राधा रमण महिला इंटर कॉलेज, 27 एच चकदाउद नगर नैनी, भजन और लोकगायन का प्रशिक्षण राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मुंगारी करछना, रंगोली का प्रशिक्षण आरएनटी इंटर कॉलेज महेवा पूरब पट्टी खान चौराहा नैनी में दिया जा रहा है.

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उत्तर प्रदेश के नामचीन प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. अवधी लोकगायन का प्रशिक्षण अयोध्या के शिवपूजन शुक्ला, मशकबीन का प्रशिक्षण कौशांबी के संतोष व प्रयागराज के वेदानंद दे रहे हैं. वहीं बच्चों को जादू का प्रशिक्षण लखनऊ के आफताफ व सुरेश जी द्वारा दिया जा रहा है. लखनऊ की कुसुम वर्मा अवधी लोकगीत/लोकनृत्य का प्रशिक्षण दे रही हैं. अंबेडकरनगर की उपमा पांडेय बच्चों को लोकगायन का प्रशिक्षण दे रही हैं. प्रयागराज के प्रशिक्षक आनंद किशोर ढेढिया नृत्य, मथुरा की नीतू सिंह ब्रज के लोकनृत्य, प्रयागराज के मनोज गुप्ता भजन/लोकगायन में बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. वहीं रंगोली का प्रशिक्षण लखनऊ की ज्योति रतन की तरफ से दिया जा रहा है.

सभी 9 विद्यालयों में 9 विधाओं में 600 से ज्यादा स्कूली बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं. संस्कृति विभाग व कॉलेजों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहा प्रशिक्षण सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की देखरेख में संपन्न हो रहा है. 22 जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण के उपरांत इन बच्चों को महाकुम्भ से जुड़े सांस्कृतिक मंचों पर अपनी कला दिखाने का अवसर प्राप्त होगा.