Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी के दिन हर जगह हजारों शादियां होती हैं, वहीं कवि और लेखक भी इस दिन अपने शब्दों में वसंत के वैभव का वर्णन करते हैं. लेकिन यह त्यौहार विशेष रूप से देवी सरस्वती की पूजा को समर्पित है. आज हम आपको बताएंगे कि वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा कैसे करें और किन मंत्रों के माध्यम से आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनकर देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. वसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने के अलावा पीला भोजन करने और पतंग उड़ाने का भी विशेष महत्व है. वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 02 फरवरी को सुबह 11:54 बजे प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 03 फरवरी को सुबह 9:36 बजे समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व 03 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा.

इस मंत्र से देवी सरस्वती की पूजा करें:

हमारे शास्त्रों में प्रत्येक देवता को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है. इसी तरह बसंत पंचमी के दिन आप देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए “ॐ ऐं सरस्वती नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसके अलावा ‘ॐ ऐं महासरस्वत्ये नमः’. आप पूजा के दौरान मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं.

पूजा के दौरान इन विशेष बातों का ध्यान रखें:

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करते समय आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. पूजा के लिए विशेष रूप से पीले या सफेद वस्त्र ही पहनने चाहिए. गलती से भी काले, लाल या भूरे कपड़े न पहनें. बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा उत्तर दिशा की ओर मुख करके करनी चाहिए. मां सरस्वती को सफेद चंदन और पीले फूल बहुत प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा में इन्हीं का प्रयोग करें. पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में दही और मीठी खीर का भोग लगाना चाहिए.

बसंत पंचमी त्यौहार का महत्व:

हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है. धार्मिक शास्त्रों का मानना ​​है कि इस दिन शब्दों की शक्ति मानव जीवन में प्रवेश करती है.