साल 2002 में हुए गुजरात दंगे (2002 Gujarat riots) की पीड़िता जाकिया जाफरी (Zakia Jafri) की 86 साल की उम्र में निधन हो गया. जाफरी का निधन उम्र संबंधी समस्याओं के कारण हुआ. वह कांग्रेस (Congress) नेता एहसान जाफरी (Ehsan Jafri) की पत्नी थीं. एहसान 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में 68 अन्य लोगों के साथ मारे गए थे. जाकिया ने दंगे के पीछे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए गुजरात के उच्च अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग कर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. दंगे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की वजह से जाकिया चर्चा में आई.

गुजरात दंगे की पीड़िता जाकिया जाफरी का 86 साल की उम्र में अहमदाबाद मे निधन हो गया है. साल 2002 में हुए गुजरात दंगे के बाद 86 साल की जाकिया 2023 तक अपने गुलबर्ग सोसाइटी के घर का दौरा करती थी. बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में जाकिया के पति समेत 68 लोग मारे गए थे.
दंगे की पीड़िता जाकिया जाफरी ने साल 2006 से दंगे को लेकर गुजरात सरकार के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के कारण पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई का चेहरा बन गई थीं. जाकिया के बेटे तनवीर जाफरी ने बताया कि उनकी मां अहमदाबाद में अपनी बहन के घर गई हुई थीं. वह अपनी सुबह की दिनचर्या पूरी कीं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ सामान्य रूप से बातचीत कर रही थीं. इसी दौरान उन्होंने बेचैनी महसूस करने की शिकायत की. डॉक्टरों को बुलाया गया. करीब 11:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
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