रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2023 की सीधी भर्ती में सेवा समाप्त किए गए 2621 बी.एड. डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। अब इन सभी शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित किया जाएगा। यह फैसला राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

सरकार के इस फैसले से न सिर्फ हजारों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षा मिली है, बल्कि स्कूलों में विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक शिक्षा को भी मजबूती मिलेगी। लंबे समय से समायोजन की मांग कर रहे शिक्षकों और उनके परिवारों में इस निर्णय से खुशी की लहर है।

जानें क्या है मामला?

4 मई 2023 भर्ती परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया (बीएड मान्य)। 10 जून 2023 व्यापम द्वारा भर्ती परीक्षा का आयोजन (डीएड तथा बीएड दोनों ही अभ्यर्थी शामिल)। 2 जुलाई 2023 परीक्षाफल तथा मेरिट लिस्ट जारी किया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को आदेश दिया था कि B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां केवल 11 अगस्त 2023 से पहले तक ही मान्य होंगी।  21 अगस्त 2023 डीएड के अभ्यर्थी छ. ग. हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हैं और बीएड की काउंसलिंग रोक दी जाती है। 29 अगस्त 2023 बीएड के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट जाते हैं, तथा उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की जाती है तथा काउंसलिंग में शामिल किया जाता है।  21 सितम्बर 2023 – मेरिट लिस्ट के अनुसार बीएड के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाता है। 2 अप्रैल 2024 – छ. ग. हाईकोर्ट द्वारा बीएड के स्थान पर पीछे के रैंक वाले डीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का फैसला दिया जाता है। 28 अगस्त 2024 हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध राज्य सरकार तथा बीएड अभ्यर्थियों द्वारा लगाई गई याचिका सुप्रीमकोर्ट द्वारा ख़ारिज कर दी जाती है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए डीएड उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 31 दिसम्बर 2024 विभाग द्वारा बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए सूचना पत्र जारी कर दिया जाता है। 10 जनवरी 2025 विभाग द्वारा सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया जाता है। इन शिक्षकों का कहना था कि सरकार ने भर्ती विज्ञापन में दोनों योग्यताओं को मान्यता दी थी, फिर बीएड शिक्षकों को बाहर करना अन्यायपूर्ण है।

जानिए कब-कब, क्या-क्या हुआ?

  • बर्खास्त होने के बाद बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने राजधानी के नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया।
  • शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा से शुरुआत की थी।
  • रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे।
  • 22 दिसंबर को धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद शिक्षकों ने धरना स्थल पर ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया।
  • 26 दिसंबर को आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए।
  • 28 दिसंबर को आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया।
  • 29 दिसंबर को आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे।
  • 30 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया।
  • 1 जनवरी को सभी प्रदर्शनकारियों ने मिलकर माना स्थित बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर दिया। यहां प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
  • 2 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
  • 3 जनवरी को सरकार ने एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बनाई। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में 5 अधिकारी शामिल हैं।
  • 3 जनवरी को मांगे पूरी नहीं होने से नाराज सहायक शिक्षकों ने सामूहिक अनशन शुरू किया।
  • 6 जनवरी को शिक्षकों ने राज्य निर्वाचन आयोग जाकर मतदान बहिष्कार के लिए आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा।
  • 10 जनवरी को एनसीटीई यानी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया।
  • 12 जनवरी को माना से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा निकाली गई।
  • 17 जनवरी को पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
  • 18 जनवरी को मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का सुबह 5 बजे घेराव कर दिया।
  • 19 जनवरी को तेलीबांधा की सड़क में चक्काजाम कर किया प्रदर्शन।
  • 20 जनवरी जिसके बाद नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने की वजह आंदोलन स्थगित करना पड़ा।
  • शिक्षकों ने कई तरह की रैली निकली, मंत्रियों विधायकों से मिलने की कोशिशें की।
  • शिक्षक होली जैसे त्यौहार में भी घर नहीं गये और लगातार प्रदर्शन करते रहे।
  • पैदल दांडी मार्च, अर्धनग्न प्रदर्शन, भगत-राजगुरु-सुखदेव बनकर सड़कों पर प्रदर्शन किया।
  • 1 किलोमीटर की चुनरी यात्रा, राम नवमी पर मंदिर जाने की कोशिश ये सभी की। इसके अलावा भी छत्तीसगढ़ सरकार को ख़ून से चिट्ठी साथ ही सरकार को अल्टीमेटम दिया।
  • जब राष्ट्रपति रायपुर पहुंची तब घुटनों पर रेंगते हुए उनसे मिलने की कोशिश की।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 मार्च के दौरे पर बिलासपुर में बर्खास्त बीएड शिक्षकों ने प्रदर्शन किया।