Sheikh Hasina: बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई है।बांग्लादेश में प्रॉसिक्यूटर ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के आरोप लगाए हैं। यह कार्रवाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसक कार्रवाई में उनकी कथित भूमिका को लेकर की गई है। अभियोजन पक्ष ने रविवार को आरोप-पत्र पेश किया है। अगर ये आरोप साबित हो जाते हैं, तो शेख हसीना को फांसी तक की सजा सुनाई जा सकती है। तीन न्यायाधीशों वाले न्यायाधिकरण ने इससे पहले 18 फरवरी को आदेश दिया था कि हसीना के खिलाफ जांच अप्रैल तक पूरी की जाए।
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आरोप पत्र में शेख हसीना के साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व IGP चौधरी मामून को भी सह-आरोपी बनाया गया है। इस मुकदमे का बांग्लादेश टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया हुआ, ताकि मामले की ट्रांस्प्रेंसी बनाई रखी जा सके।
इस मामले में 81 लोगों को गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अभियोजकों ने यह भी कहा कि शेख हसीना पर एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के रूप में देश की सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई की पूर्ण जिम्मेदारी होती है।
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शेख हसीना पर क्या लगे हैं आरोप?
आईसीटी के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने 12 मई को कहा कि हसीना पर कम से कम पांच आरोप हैं, जिनमें जुलाई के विद्रोह के दौरान सामूहिक हत्या को रोकने में नाकामी, लोगों को उकसाना, मिलीभगत और षड्यंत्र रचना शामिल है। जांचकर्ताओं ने अपनी जांच के तहत वीडियो फुटेज, ऑडियो क्लिप, हसीना की फोन पर बातचीत, हेलीकॉप्टर और ड्रोन की गतिविधियों के रिकॉर्ड के साथ-साथ पीड़ितों के बयान इकट्ठे किए हैं। हालांकि शेख हसीना ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया है।

शेख हसीना ने हथियारबंद कार्यकर्ताओं को दे दी थी खुली छूट
बांग्लादेश के घरेलू इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) के चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने रविवार को सुनवाई के दौरान कहा, ‘ये हत्याएं पूर्वनियोजित थीं। उन्होंने वीडियो सबूत और विभिन्न एजेंसियों के बीच हुई एन्क्रिप्टेड बातचीत का हवाला देते हुए यह बात कही। वहीं चीफ प्रॉसिक्यूटर ने कहा, ‘सबूतों की गहन जांच के बाद हमने निष्कर्ष निकाला कि यह एक संगठित, व्यापक और सुनियोजित हमला था। शेख हसीना ने आंदोलन को कुचलने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों और अपनी पार्टी के हथियारबंद कार्यकर्ताओं को खुला छोड़ दिया।
भारत में हैं शेख हसीना
शेख हसीना तख्तापलट के बाद से ही भारत में रह रही हैं. वह विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत भाग आई थी. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना की वापसी की मांग कर रहा है, लेकिन भारत ने ऐसी किसी भी मांग पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. भारत और बांग्लादेश के रिश्ते शेख हसीना के समय मजबूत रहे हैं, लेकिन उनके तख्तापलट के बाद इनमें दरार आ गई है. बांग्लादेश की नई यूनुस सरकार का झुकाव चीन औप पाकिस्तान की तरफ है, जबकि बांग्लादेश से भारत रिश्ते बनाए रखने की कोशिश कर रहा है.
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