दिल्ली में आगामी कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है. इस बीच बीजेपी के नेताओं कपिल मिश्रा(Kapil MIshra) और आशीष सूद (Ashish Sood) ने AIMIM के उस बयान की कड़ी आलोचना की है, जिसमें AIMIM ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) द्वारा कांवड़ यात्रा शिविरों को मुफ्त बिजली और आर्थिक सहायता देने की घोषणा का जिक्र किया था.

दिल्ली के नेहा मर्डर केस में बड़ा खुलासा; बात करने मना किया तो छत से धक्का देकर मार डाला, आरोपी तौफीक 2 दिन बाद गिरफ्तार

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांवड़ यात्रा के दौरान शिविरों को 1200 यूनिट मुफ्त बिजली और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. इस निर्णय का विरोध करते हुए AIMIM ने इसे पक्षपाती करार दिया है और मुहर्रम के अवसर पर भी ऐसी सुविधाओं की मांग की है.

‘मुहर्रम पर देंगे भी नहीं’

दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने AIMIM की आलोचना करते हुए कहा कि मुहर्रम पर वे कोई सहयोग नहीं देंगे. सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी इस तरह के विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से समाज में विभाजन पैदा कर रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा एक महत्वपूर्ण जनआस्था का आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, और ऐसे आयोजनों के सफल संचालन के लिए प्रशासनिक सहयोग आवश्यक है.

GST में बड़ा बदलाव जल्द, अब 12% की जगह 5% ही लगेगी जीएसटी? रोजमर्रा के ये सामान हो सकते हैं सस्ते

‘हमारी सरकार कर रही अच्छा काम’

गृह मंत्री आशीष सूद ने AIMIM को जवाब देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी को बोलने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि AIMIM का नाम ‘मुस्लिम’ से शुरू होता है और यह पार्टी हमेशा से वोटों को बांटने और धार्मिक आधार पर राजनीति करने के लिए जानी जाती है. सूद ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बेहतर कार्य कर रही है, जबकि AAP केवल मुफ्त सुविधाओं का दिखावा कर रही है. उन्होंने दिल्ली के बिजली विभाग की सुधारों की भी सराहना की.

दिल्ली मेट्रो को मिली बड़ी कामयाबी, गोल्डन लाइन पर दूसरी टनल का काम पूरा, जानें कब तक दौड़ेगी ट्रेन

कपिल मिश्रा और आशीष सूद ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार धार्मिक आयोजनों में सहयोग देने का उद्देश्य राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि प्रशासनिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी निभाना है. AIMIM द्वारा किए गए विरोध को नेताओं ने निराधार और भड़काऊ बताया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का प्राथमिक लक्ष्य लोगों की आस्था का सम्मान करना है, न कि किसी विशेष वर्ग को लाभ पहुंचाना. कांवड़ यात्रा उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.