अमित पांडेय, डोंगरगढ़। बैंक की वसूली रकम के दो लाख रुपये बचाने और कर्ज के बोझ से राहत पाने के लिए कलेक्शन एजेंट ने पूरी फिल्मी कहानी रच डाली. लेकिन पुलिस की जांच में झूठ सामने आ गया. कलेक्शन एजेंट से लूटी गई कथित रकम को बरामद कर उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया.

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बात हो रही है इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में कलेक्शन एजेंट मयूर कुमार अडमे की. मयूर ने बोरतलाव थाना पहुंचकर रिपोर्ट लिखाई कि महाराष्ट्र से वसूली कर लौटते वक्त चेन्द्री माता मंदिर के पास नकाबपोश बदमाशों ने उसे घेर लिया, मारपीट की और उसके बैग से दो लाख रुपए, मोटरसाइकिल, मोबाइल, सोने की बाली और चांदी का ब्रेसलेट लूट ले गए.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू की और डोंगरगढ़-बोरतलाव रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, लेकिन कहीं भी लूट जैसी घटना नहीं दिखी. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और कॉल डिटेल के आधार पर जांच की दिशा मयूर की ओर मोड़ी, तब जाकर पर्दाफाश हुआ कि यह पूरी कहानी झूठी थी.

दरअसल, मयूर पर कर्ज का बोझ था, और उससे बचने के लिए उसने लूट की झूठी पटकथा तैयार की थी. बैंक के दो लाख रुपए उसने अपने घर के आंगन में काले कपड़े में बांधकर छिपा दिए थे. वहीं बाइक और अन्य सामान बोरतलाव ओवरब्रिज के नीचे छिपा दिया था, ताकि पुलिस को यकीन हो जाए कि लूट हुई है.

पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए पूरे पैसे, बाइक और अन्य सामान बरामद कर लिए हैं. वहीं आरोपी मयूर कुमार अडमे को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है.