पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ और वायरल प्रकोप ने धान की फसल को गहरी चोट पहुँचाई है। लाखों किसानों की मेहनत एक झटके में बर्बाद हो गई। लेकिन ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार किसानों के साथ मज़बूती से खड़ी है। किसानों को राहत और न्याय दिलाने के लिए मान सरकार ने एक विशेष गिरदावरी सर्वे शुरू किया है, ताकि हर एक नुकसान का सही आकलन हो सके और हर किसान को उसका हक़ मिल सके।

मान सरकार की इस पहल से साफ है कि पंजाब में किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने स्वयं ज़मीनी स्तर पर जाकर हालात का जायज़ा लिया और किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी तकलीफ़ों को सरकार अपनी प्राथमिकता मानती है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रभावित किसानों को न केवल मुआवज़ा मिलेगा, बल्कि उन्हें अगली फसल के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज और डीएपी खाद भी उपलब्ध कराई जाएगी।

पटियाला ज़िले में डॉ. बलबीर सिंह और कृषि विशेषज्ञों की टीम ने गाँव-गाँव जाकर धान के खेतों की स्थिति देखी। उन्होंने किसानों से अपील की कि सर्वे पूरा होने तक अपनी फसल न जोतें ताकि नुकसान का सटीक आकलन हो सके। लगभग 8,000 एकड़ धान इस आपदा से प्रभावित हुआ है, लेकिन सरकार ने साफ किया कि कोई भी किसान मुआवज़े से वंचित नहीं रहेगा।

मान सरकार की संवेदनशीलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने शुरुआती समय में बोई गई किस्मों जैसे PUSA 131, PR 132 और PR 114 पर विशेष ध्यान दिया है, क्योंकि ये किस्में सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई हैं। यह कदम दर्शाता है कि सरकार केवल घोषणा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाकर किसानों को वास्तविक राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है।

कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर भी सरकार ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। किसानों को वायरस और फफूंद रोग से बचाने के लिए उपाय बताए गए हैं—खेतों से अतिरिक्त पानी निकालना, जिंक का प्रयोग, कीटनाशकों का छिड़काव और कोसाइड 2000 का समय पर उपयोग। ये सब उपाय किसानों को तात्कालिक संकट से उबारने में मदद करेंगे और भविष्य में उनकी पैदावार को सुरक्षित बनाएंगे।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार का यह कदम एक बार फिर साबित करता है कि पंजाब में किसान ही सरकार की असली प्राथमिकता हैं। संकट की घड़ी में सरकार का यह साथ किसानों के लिए न केवल राहत का काम करेगा बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी पैदा करेगा। यह विशेष गिरदावरी और मुआवज़ा योजना पंजाब की कृषि नीतियों को और भी मज़बूत करेगी और किसानों को नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ने का मार्ग दिखाएगी।