Hindi Scholar Francesca Orsini: लंदन की जानी-मानी हिंदी स्कॉलर फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को भारत में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को सोमवार (20 अक्तूबर) रात भारत में आने से रोक दिया गया। उनके पास पांच साल का वैध ई-वीजा था इसके बावजूद उन्हें दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रवेश नहीं करने दिया गया। उन्हें डिपोर्ट करने पर विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक वीजा नियमों के उल्लंघन के कारण फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को मार्च 2025 से ब्लैकलिस्ट में डाला गया है। फ्रांसेस्का ऑर्सिनी टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थीं, लेकिन उन्होंने वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया है।

टीएमसी का केंद्र सरकार पर निशाना

टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर इस घटना को दुखद और चौंकाने वाला बताया। उन्होंने लिखा, फ्रांसेस्का ऑर्सिनी दक्षिण एशियाई साहित्य और हिंदी की स्कॉलर हैं। वैध वीजा के वाबजूद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया है। संकीर्ण सोच और पिछड़ी सोच वाली नरेंद्र मोदी सरकार उस खुले विचारों वाली उत्कृष्टता को नष्ट कर रही है जिसका भारत हमेशा से समर्थन करता रहा है।

JNU से पढ़ाई कर चुकी हैं फ्रांसेस्का ऑर्सिनी

फ्रांसेस्का ऑर्सिनी लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) में हिंदी की जानी-मानी स्कॉलर और प्रोफेसर हैं। उन्होंने इटली के वेनिस यूनिवर्सिटी से हिंदी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। उन्होंने भारत में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हिंदी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई की है। फ्रांसेस्का ऑर्सिनी ने लंदन के SOAS से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। फिलहाल वह वहीं संस्कृति और भाषाविज्ञान के स्कूल में हिंदी और दक्षिण एशियाई साहित्य की प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।

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