रायपुर। छत्तीसगढ़ में सियासी उथल-पुथल के बीच एक नया मामला चर्चा में आ गया है. भूपेश सरकार दुर्ग जिले में स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करने की तैयारी में है. कॉलेज के अधिग्रहण संबंधी विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किया जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट कहा है कि यह मेडिकल कॉलेज जिस परिवार का है, उस परिवार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी की शादी हुई है. इस खबर के सामने आने के बाद भूपेश सरकार बीजेपी के निशाने पर है. बीजेपी ने सरकार पर सवाल उठाया है. विधानसभा में बिल पेश करने के पहले ही इस पर हंगामा मच गया. अब भूपेश बघेल ने खुलकर ट्वीट के माध्यम से इसका जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अगर जनहित का सवाल होगा, तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज और नगरनार का संयंत्र भी खरीदेगी. हमने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है. उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास किया है. यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है.
भ्रष्टाचार का इतिहास अपार, डूबे रहते कांग्रेसी परिवार- पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार का इतिहास अपार, डूबे रहते कांग्रेसी परिवार. कर्ज में डूबे कॉलेज का अधिग्रहण कर जनता के पैसे का दुरुपयोग करना सरासर धोखा है. छत्तीसगढ़ की जनता की गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि राज्य के विकास के लिए है.
भ्रष्टाचार का इतिहास अपार, डूबे रहते कांग्रेसी परिवारः कर्ज में डूबे कॉलेज का अधिग्रहण कर जनता के पैसे का दुरुपयोग करना सरासर धोखा है।
छत्तीसगढ की जनता की गाढी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढाने के लिये नही, बल्कि राज्य के विकास के लिये है।https://t.co/hrKLmmF66q
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 27, 2021
दामाद का बचाव, कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ- सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं. प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए, वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा लगाए गए थे. कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ. इसकी परिभाषा अब साफ है!
भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं।प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए,वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा लगाए गए थे।कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ,इसकी परिभाषा अब साफ है!
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 27, 2021
रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने अधिग्रहण- रमन सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह मामला गम्भीर है! भूपेश बघेल अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए विधेयक ला रहे हैं. 2017 में जिस कॉलेज की मान्यता खत्म हो गई, उसे 125 करोड़ सरकारी खजाने से लेकर मुख्यमंत्री के परिवार को देने की तैयारी चल रही है.
यह मामला गम्भीर है!@bhupeshbaghel अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए विधेयक ला रहे हैं।
2017 में जिस कॉलेज की मान्यता खत्म हो गई, उसे ₹125 करोड़ सरकारी खजाने से लेकर मुख्यमंत्री के परिवार को देने की तैयारी चल रही है। pic.twitter.com/ePvimU3hop
— Dr Raman Singh (@drramansingh) July 27, 2021
मेडिकल कॉलेज खुले लेकिन पारदर्शिता होनी चाहिए- चंद्राकर
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांकेर, महासमुंद और कोरबा में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी. इसे इस सत्र में सरकार ये कॉलेज खोल नहीं पाई. इसके लिए मैचिंग ग्रांट सरकार के पास नहीं है. दुर्ग संभाग में पहले से एक प्राइवेट कॉलेज है. मेडिकल कॉलेज खुले लेकिन इसमें पारदर्शिता होनी चाहिए. चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कालेज पर बैंक और प्राइवेट सेक्टर की कितनी देनदारी है? सरकार सालाना कितना अनुदान देगी? मौजूदा कर्मचारियों को क्या शासकीय सेवा में लेंगे या नहीं? सिर्फ़ अधिग्रहण के लिए विधेयक लाना उचित नहीं है.
मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास- भूपेश
इस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित एक समाचार पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. वे सब निराधार है. यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है. इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा और हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे.
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित एक समाचार पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वे सब निराधार है।
यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है।
इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा व हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 27, 2021
हमने हमेशा पारदर्शिता के साथ की है राजनीति
उन्होंने कहा कि जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है, तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है. सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी. सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा.
जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 27, 2021
सरकार निजी मेडिकल कॉलेज और नगरनार भी खरीदेगी
भूपेश बघेल ने कहा कि यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है. जिसे मैं चुनौती देता हूं. अगर जनहित का सवाल होगा, तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी. हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे. हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं.
यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है। जिसे मैं चुनौती देता हूं।
अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी।
हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे।
हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 27, 2021
छत्तीसगढ़ के हित के लिए किया जा रहा अधिग्रहण- चौबे
मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण संबंधी विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किया जाएगा. 20 जुलाई को आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में इस चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया था. मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ये केवल मुख्यमंत्री के परिवार को लाभ पहुंचाने की बात की जा रही है, तो इसमें दूर दूर तक कोई सच्चाई नहीं है. ये पूरी तरह से असत्य है. एक नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 500 करोड़ रुपए का केवल अधोसंरचना तैयार करना पड़ता है. चंदूलाल मेडिकल कॉलेज को 150 सीट की मान्यता एमसीआई से हुई है. यदि इसका अधिग्रहण आधी क़ीमत पर किया जा रहा है, तो ये छत्तीसगढ़ के हित के लिए किया जा रहा है. आरोप बेबुनियाद है.
बता दें कि चंदूलाल चंद्राकर पुराने कांग्रेसी नेता थे. वो दुर्ग से पांच बार सांसद रहे थे. 1995 में उनके निधन के बाद 2 साल बाद इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हुई थी. 2017 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी. प्रदेश सरकार अब एक कानून के जरिए इसका अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है.
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