हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने एक बार फिर से किसानों से MSP समेत कई लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू कर दी है. मंगलवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के कई संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के साथ हम तब तक संवाद करेंगे, जब तक मसलों का समाधान नहीं हो जाता. यह तो शुरुआत है. हम सभी मुद्दों पर बैठकर बात करेंगे और हर मसले का समाधान निकालने का प्रयास होगा.

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किसानों से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘हमें MSP को मजबूत करने के सुझाव मिले हैं. हम उन पर विचार करेंगे.’ कृषि मंत्री ने इस मौके पर वादा किया कि हम किसानों के साथ हर मंगलवार को मीटिंग करेंगे और पूरे देश के किसानों से बातचीत की जाएगी.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह पहले राउंड की वार्ता थी और किसानों ने इस दौरान इंश्योरेंस स्कीम से लेकर MSP तक के मुद्दे को उठाया. हमने उनसे विचार करने की बात कही है और आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति बनी है. मंत्री ने कहा कि हमने किसानों से बातचीत में कहा कि आप लोगों की सेवा करने हमारे लिए भगवान की पूजा करने जैसा ही है.  

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ऐसे समय में शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से वार्ता की है, जब शंभू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में वे जमे हैं. करीब 200 दिनों से किसान पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर डटे हैं और दिल्ली जाने देने की मांग कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार का वार्ता का प्रयास उन्हें साधने की कोशिश है. सरकार ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से वार्ता शुरू की है ताकि राज्य में BJP के लिए माहौल अनुकूल बनाया जा सके. हरियाणा में किसान वर्ग के बीच  BJP को लेकर नाराजगी है. खासतौर पर पंजाब से सटे इलाकों में ऐसा देखा जा रहा है. ऐसी स्थिति में सरकार की वार्ता की कोशिश किसानों के अलावा चुनावों को भी साधने की रणनीति लगती है.

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के UP, उत्तराखंड, हरियाणा ,पंजाब और महाराष्ट्र के प्रतिनिधि इस मीटिंग में शामिल थे. इस संबंध में किसान नेताओं का कहना है कि हमने MSP, PM किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना जैसे मुद्दे उठाए हैं. हालांकि इस मीटिंग में उन किसान संगठनों का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं था, जो बीते 7 महीनों से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं.