मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सतत निगरानी और निर्देशन में राहत और बचाव दलों द्वारा एक और कठिन रेस्क्यू अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय से संचालित रेस्क्यू अभियान के उपरांत तीन दिन से चौखम्बा 3 पर्वत में फंसी 2 विदेशी महिला पर्वतारोहियों का रविवार सुबह सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है.

11 सितंबर को दो महिला पर्वतारोही अमेरिका निवासी मिशेल थैरेसा डूरक (23 वर्ष) Ms.Michelle Theresa Dvorak और इंग्लैंड निवासी फेव जेन मैनर्स (27 वर्ष) Ms.Fav Jane Manners चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए दिल्ली से निकले थे. 3 अक्टूबर को देर शाम जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र चमोली को इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के माध्यम से सूचना मिली कि दोनों विदेशी महिला पर्वतारोही चौखम्बा-03 पर्वत (6995 मीटर) में 6015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गए हैं. आईएमएफ की ओर से जिला प्रशासन चमोली से दोनों पर्वतारोहियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने का अनुरोध किया गया. सीएम धामी के संज्ञान में मामला आते ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को तत्काल कार्रवाई कर दोनों पर्वतारोहियों का सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए निर्देश दिए.

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सीएम से मिले निर्देशों के क्रम में 03 अक्टूबर को ही देर रात अपर जिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश ने रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को दोनों विदेशी पर्वतारोहियों के हवाई रेस्क्यू के लिए पत्र भेज दिया. राज्य सरकार के अनुरोध पर रक्षा मंत्रालय द्वारा अगले दिन 04 अक्टूबर को तड़के ही सरसावा एयर बेस से भारतीय वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर रेस्क्यू अभियान के लिए जोशीमठ के लिए रवाना कर दिए गए. वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा उपलब्ध कराए गए कोआर्डिनेट्स पर दोनों पर्वतारोहियों को खोजने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन उनसे किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया. इसके साथ ही एयर ऑपरेशन के जरिये पर्वतारोहियों का पता न चल पाने की स्थिति में प्लान-बी पर भी काम किया गया.

सचिव विनोद कुमार सुमन, एसडीआरएफ की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल और यूएसडीएमए के एसीईओ ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी की ओर से राहत और बचाव दलों के साथ मिलकर एक लैंड बेस्ड ऑपरेशन की योजना भी बनाई गई. एसडीआरएफ की टीम को 05 अक्टूबर को एडवांस बेस कैंप तक भेजा गया. साथ ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम को भी लैंड बेस्ड ऑपरेशन के लिया तैयार किया गया. दोनों महिला पर्वतारोहियों ने पेजर के माध्यम से 03 अक्टूबर को अपने दूतावास को अवगत कराया कि वे चौखंबा से पहले फंस गए हैं और उनका सामान खाई में गिर गया है, जिसमें उनका भोजन तथा पर्वतारोहण से संबंधित आवश्यक उपकरण हैं. इनके बिना न वे ऊपर जा सकते हैं और न नीचे आ सकते हैं. इसके बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा इसकी सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को दी गई, जिसके बाद एसडीआरएफ और वायु सेना द्वारा रेस्क्यू प्रारंभ किया गया।

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18 सितंबर को फ्रांस के पांच पर्वतारोहियों का एक दल भी चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए निकला था. आईएमएफ द्वारा 6015 मीटर की ऊंचाई पर दो महिला ट्रैकर्स के फंसे होने की जानकारी इस दल को दी गई. प्रशासन द्वारा फ्रांस के दल को दोनों की संभावित लोकेशन दी गई और यह दल भी दोनों ट्रैकर्स को खोजने में जुट गया और 05 अक्टूबर को देर शाम फ्रांस के पर्वतारोहियों का दल इन तक पहुंचने में सफल रहा. पर्वतारोहियों ने राहत और बचाव दलों के साथ अपने कोऑर्डिनेट्स साझा किए और रविवार सुबह लगभग पौने सात बजे वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर जोशीमठ पहुंचा दिया गया. इसके साथ ही एसडीआरएफ की टीम को भी एडवांस बेस कैंप से हेलीकॉप्टर के जरिये वापस जोशीमठ लाया गया.

यूएसडीएमए के एसीईओ-ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी और जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी के निर्देशन में बनी कुशल रणनीति और उत्कृष्ट समन्वय से अगले दिन तड़के ही वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर जोशीमठ पहुंच गए और आज फंसे हुए टै्रकर्स का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया. सीएम ने सफल रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिए यूएसडीएमए के अधिकारियों के साथ ही वायु सेना, एसडीआरएफ की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी और उनकी टीम और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम की सराहना की है. रेस्क्यू अभियान के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की पहल से एसीईओ क्रियान्वयन, डीआईजी राजकुमार नेगी की निगरानी में एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसमें पूरे रेस्क्यू अभियान को लेकर राहत और बचाव दलों ने रणनीति तैयार बनाई गई.