संदीप शर्मा, विदिशा। निजामुद्दीन से जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ जा रहे एक परिवार के साथ मौजूद प्रसूता का चलती ट्रेन में प्रसव हुआ। लेकिन विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल सकी। करीब एक घंटे बाद आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिए प्रसूता और उसके परिवार को जिला अस्पताल भेजा गया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। वहीं इस बच्चे का नाम परिवार ने विदिशा रखा।

जानकारी के अनुसार गोंडवाना एक्सप्रेस से राजकुमार चौहान अपनी प्रसूता पत्नी सुमन वाई और दो बच्चियों के साथ छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए थे। बीना रेलवे स्टेशन निकालने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को अचानक प्रसाव पीड़ा हुई। गंजबासौदा आते-आते उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की।

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प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की सूचना दी गई। साथ ही एंबुलेंस की व्यवस्था करने के संबंध में बताया गया। जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पर देर रात 12.30 बजे के लगभग पहुंची, तो वहां एंबुलेंस नहीं थी। आरपीएफ और अपडाऊनर एशोसिएशन के सदस्य और कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी और उनके साथियों की मदद से विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतरा गया।

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करीब एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया। लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। तब उन्हें ऑटो के जरिए विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया। जहां सुमन और उनके नवजात बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। राजकुमार ने बताया कि वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के निवासी हैं। दिल्ली में रहकर काम करके गुजर-बसर करते थे। उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां है। तीसरी संतान के रूप में उन्हें बेटा हुआ है। उनका बेटा विदिशा में हुआ है। इसलिए उसका नाम वह विदिशा रखेंगे।

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