रायगढ़. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की टीम ने आज रायगढ़ में महिला उत्पीड़न से संबंधित 25 प्रकरणों पर जनसुनवाई की. एक मामले में 5 साल के बच्चे को गोद में बैठाकर आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पूछा कि किसके साथ रहना है. बच्चे ने कहा, मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है. इसके बाद आयोग की समझाइश पर पति-पत्नी सुलह करने तैयार हुए. बता दें कि दोनों का साढ़े पांच साल का बेटा है. दोनों पक्ष की कानूनी प्रक्रिया चल रही है. अब तीन दिसंबर 2024 को दोनों पक्ष को अपने-अपने ईकरारनामा लेकर रायपुर बुलाया गया है. दोनों को निरंतर सखी की प्रशासिका एवं प्रोट्रेक्शन ऑफिसर की निगरानी में रखा जाएगा.

छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 289वीं एवं रायगढ़ जिले में 8वीं सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष को विस्तार से सुना गया. जिला मुख्यालय स्थित स्व. लखीराम मेडिकल काॅलेज की छात्राओं ने एक डाॅक्टर पर पढ़ाई के दौरान अश्लील छेड़छाड़ की शिकायत महिला आयोग से की थी. इस पर महिला आयोग की टीम ने छात्राओं से अलग-अलग चर्चा करने के बाद शाम तक पूरे प्रकरण को नस्तीबद्ध किया.

छात्राएं जनसुनवाई में उपस्थित हुई थी. उन्होंने अपने साथ कोई छेडछाड़ नही होने की बात कही और इस सुनवाई में 7 से 8 छात्राएं अनुपस्थित थीं. महिला आयोग की टीम ने मेडिकल काॅलेज के डीन को इस मामले में गंभीरता बरतने के निर्देश देने के साथ-साथ काॅलेज में आंतरिक परिवाद समिति का डिस्पले लगाने की बात कही.

आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पत्रकारों को बताया कि पहले भी जो शिकायत मिली थी उस पर आयोग के सदस्यों ने मेडिकल काॅलेज जाकर जांच की थी. जांच के बाद हमारे पास फीडबैक आया था कि हमको इतना अधिक दबाव में रखा गया था कि कोई भी कुछ बोलेगा तो कैरियर खराब कर देंगे. चूंकि 60 प्रतिशत नंबर प्रैटिकल के जरिये मिलता है और रिर्टन के भी नंबर होते हैं इसलिए इस प्रकरण को फिर से रखा गया था. बंद कमरे में काॅलेज की छात्राओं से बात की. इस दौरान 19 छात्राएं मौजूद थी और 7 छात्राएं बाहर होने की वजह से नही पहुंच सकीं.

छात्राओं से बातचीत के बाद मामला निरस्त

अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि हमारी सदस्य कोसरिया और जूदेव ने एक-एक छात्राओं से अलग-अलग बात करके उनकी समस्याओं को सुना, ताकि कोई यह शिकायत न कर सके कि उनकी सुनवाई नहीं हुई. सभी छात्राओं ने यह कहा कि उनके द्वारा शिकायत इस संबंध में नहीं की गई. आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि 2022 में उनके पास जब शिकायत आई थी तब शिकायत करने वाली छात्राएं फस्ट ईयर की छात्राएं थी. अब दो साल बाद वहीं छात्राएं फायनल ईयर में पहुंच गई है. अब उनकी शिकायत को हम दिरकिनार नहीं कर सकते. छात्राओं से बातचीत के बाद इस प्रकरण को समाप्त कर रहे हैं.

दोनों पक्षों में सुलह के बाद साथ रह रहे पति-पत्नी

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वर्तमान में दोनों पक्षों के मध्य सुलह हो गई है. आवेदिका प्रकरण वापस लेना चाहती है. अब 2 माह से साथ रह रहे हैं. इसके बाद इस मामले को नस्तीबद्ध किया गया. अन्य प्रकरण में आवेदिका डीएलएड की पढ़ाई कर रही थी. अनावेदक सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है. अनावेदक द्वारा आवेदिका को फीस जमा नहीं किये जाने की बात कहकर परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. चूंकि आज अनावेदक अनुपस्थित था. इस पर थाना चक्रधर नगर के माध्यम से आगामी सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को 16 जनवरी 2025 को रायपुर बुलाया गया.

ससुराल पक्ष पर जहर देकर मारने का मामला, आयोग ने एसपी ने मांगी रिपोर्ट

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि ससुराल पक्ष (पति, ससुर, सास) ने जहर खिलाया था. आवेदिका मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी. 04-05 दिन बाद आवेदिका के पिता ने थाना जूटमिल में शिकायत की, परंतु एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. पुलिस ने काउंसलिंग करके न्यायालय जाने की सलाह दी. दोनों पक्ष को सुनने के बाद महिला आयोग की टीम ने कहा, मामला दहेज प्रताड़ना एवं जहर देकर मारने का लग रहा है. पुलिस अधीक्षक को डीपीओ के माध्यम से ऑर्डरसीट व शिकायत आवेदन आज ही भेजे जाने और एक माह के अंदर आयोग को रिपोर्ट भेजने कहा गया.

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