शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र में किसानों के मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और मंत्री विश्वास सारंग के बीच तीखी बहस हुई। उमंग सिंगार ने कहा कि आंकड़ों की जादूगरी मुझे ना दिखाओं। साथ ही फर्जी आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। मंत्री सारंग ने कहा कि पढ़कर आया करो फिर बात करो। सदन में आंकड़ों को लेकर गहमागहमी के बीच कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गए। वहीं विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

चुनाव के समय बुधनी-श्योपुर में बांटी खाद- नेता प्रतपिक्ष

एमपी विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन किसानों की समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में नहीं है। प्रदेश का किसान सुनना चाहता है, CM खाद के मुद्दे पर का क्या कहेंगे, बेहद शर्म की बात है। खाद की कमी प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण है। रीवा में 60 प्रतिशत बोनी नहीं हो पाई। पीएम किसान योजना, सम्मान निधि, 6 हजार देते हैं, किसान पैसा नहीं फसल और खाद मांगता है। बुदनी और श्योपुर में चुनाव के समय खाद बांटी गई। प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामले में 1226 किसानों ने बीते पांच साल में आत्महत्या कर रहा है। हर तीसरे दिन प्रदेश का किसान आत्महत्या कर रहा है।

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सिंघार ने सरकार को दिया ये सुझाव

उमंग सिंघार ने कहा कि किसान की औसत मासिक आय, राज्य सभा में 2022 में बताया कि मात्र 8 हजार करीब है, जो औसत दर से भी कम है। डबल इंजन सरकार की बात होती है और सीएम गायब हैं। आंकड़े और डेटा छिपाने का नया सिस्टम चालू हो गया है। किसानों के आत्महत्या का डेटा गायब है। किसानों पर गोली चलती है लेकिन चर्चा नहीं होती। सीहोर समेत कई स्थानों पर खाद की लाइन में लगे किसानों की मौत हुई। कई जिलों के आंकड़े हैं, खाद की कालाबाजारी रोकने का प्रयास किए जाना चाहिए। कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना का बयान आता है, खाद को यूक्रेन से जोड़ा, फिर कहा कि मेरे विभाग का काम नहीं है। आप बताए, क्या चार साल से युद्ध चल रहा है, खाद की अब कमी हो रही है क्या ? सामान्य प्रशासन का नियम है कि कृषि मंत्री के पास ही खाद का मामला आता है, जिन्हें अपने अधिकारों का नहीं पता वो क्या किसानों को न्याय दिलाएंगे। मंत्रीजी, मुस्काए नहीं गंभीरता से सुने, सरकार को मेरा सुझाव है कि टास्क फोर्स बनाएं।

कृषि मंत्री ने कही ये बात

कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा यह विभाग मेरा है, यह हमारी जिम्मेदारी है। सदन में फिर कहा कि यूक्रेन का युद्ध हो रहा था। खाद की कमी नहीं लेकिन वितरण में देरी हुई। कमलनाथ सरकार में लाठियां पड़ी। हमारी सरकार में एक भी खरोच किसान को नहीं है। कांग्रेस गुमराह कर रही है। मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने सदन में खाद की बात ही नहीं की। कांग्रेस किसानों का अपमान कर रही है। एंदल कंसाना ने आगे कहा कि कृषि का रकबा बढ़ा है। देश में सबसे सस्ती बिजली मध्यप्रदेश सरकार दी जा रही है। बीमा राशि का भुगतान किया है। रवि का मौसम समाप्त नहीं हुआ। यूक्रेन, इजरायल युद्ध के कारण कठिन समय है। अफ्रीका होते हुए भारत तक माल आ रहा है। NPA का उपयोग भी बढ़ा है।

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सच मानिए हुजूर चेहरे पर धूल है…

सहकारिता एवं खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि बाला बच्चन ने कहा है कि खाद का संकट है तो उन्हें बताना चाहता हूं कि अभी रवि का सीजन खत्म नहीं हुआ है। 92 हजार मीट्रिक टन खाद बड़वानी में वितरित हो चुका है। केवल इल्जाम लगाने का काम न करें। यदि खाद नहीं मिल रहा तो बुवाई कैसे हो रही है, विपक्ष जवाब दे। 71 लाख टन स्टोरेज किया खाद। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। ज़बरदस्ती का माहौल बनाया जा रहा है। कविता के साथ सारंग ने कहा कि सच मानिए हुजूर चेहरे पर धूल है, इल्ज़ाम आइने पर लगाना भूल है।

सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

कांग्रेस सरकार में खाद थानों से वितरण किया जाता था। कृषि कर्मण अवार्ड तो मनमोहन सरकार ने दिए, सात सात दिए। आज 2023-24 में 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा का रकबा उपलब्ध कराया गया है। 51 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है। कांग्रेस के समय 07 लाख हेक्टेयर सिंचाई होती थी। कांग्रेस शासन में 16 प्रतिशत पर कर्ज देते थे। आज शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन दे रहे हैं। 2002-03 में बिजली कहा थी ? आज फर्क देखिए कई सौ गुना का आंकड़ा पार कर दिया। 2002-03 में 15 लाख मैट्रिक टन था, आज ये आंकड़ा भी कई गुना पार हो चुका है। सदन में भारी हंगामे के बीच कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

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