गोंद… यह बेहद खास सुपरफूड है, जो आसानी से उपलब्ध होता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ठंड में इसका इस्तेमाल लड्डू बनाने में होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जोड़ों की सेहत में इसके क्या फायदे होते हैं। यदि नहीं तो आज इस आर्टिकल में इसी के बारे में जानते हैं।

गोंद क्या होता है ?

अगर, आप गोंद या काला गोंद के बारे में नहीं जानते तो आप को बता दें कि यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि भी है, जो पेड़ की छाल से बनाया जाता है। इसमें फेनोलिक कंपाउंड, फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेन्स और सैपोनिन जैसे कंपाउंड होते हैं। गोंद में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूती और सूजन को कम करता है।

अब जानें जोड़ों के लिए गोंद के फायदे

एंटी इन्फ्लेमेटरी इफेक्ट

इसमें फ्लेवोनोइड्स, टेरपेन्स और फेनोलिक एसिड पाया जाता है, जो जोड़ों की सूजन, गठिया, गाउट से जुड़े अन्य लक्षणों को कम करने में मददगार है।

जोड़ों के दर्द से दे राहत

गोंद के दर्द निवारक और एंटी-नोसिसेप्टिव गुण जोड़ों के दर्द को कम करते हैं। साथ ही गोंद जोड़ों में लचीलापन और गति की सीमा को बढ़ा देता है।यह जॉइंट फंक्शन में सुधार लाने में सहायक है।

एंटीऑक्सीडेंट देता है प्रोटेक्शन

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस हड्डियों के साथ ही जोड़ों की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। सेलुलर डैमेज होने से रोकते हैं। ये बढ़ती उम्र के साथ होने वाले जॉइंट डिग्रेडेशन को कम करने में मददगार हैं।

अब जानिए कैसे करना है गोंद का सेवन

1- गोंद के लड्डू बनाकर खाएं, ये बहुत फायदेमंद साबित होते हैं खासकर ठंड में। इसके लिए गोंद को घी में भूनकर, गेहूं के आटे, सूखे मेवे और गुड़ के साथ मिलाकर तैयार करें। बस इसमें मिठास का ध्यान रखें। सीमित मात्रा में गुड का इस्तेमाल करें। गुड की जगह खजूर की प्युरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2- गोंद के पाउडर को गर्म दूध में घोलकर डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह सर्दी में अच्छा विकल्प है। सूप या दलिया में गोंद ऐड कर इसे अधिक पौष्टिक बना सकते हैं।

बस इन बातों का रखें ध्यान – गोंद का सेवन सीमित मात्रा में करें, ताकि पाचन समस्या न हो। गर्भवती या स्तनपान करवाने वाली महिलाएं डॉक्टरी सलाह पर ही सेवन करें।

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