दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodiya) पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ED को अनुमति दी है. इससे पहले दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ED को सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने से पहले अनुमति लेनी चाहिए.

दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके खिलाफ ED की चार्जशीट अवैध है क्योंकि अभियोजन शिकायत दर्ज करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी. दिसंबर 2024 में ED ने एलजी को पत्र लिखा और कहा कि केजरीवाल शराब घोटाला मामले में “किंगपिन और प्रमुख साजिशकर्ता” हैं.

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शराब घोटाले पर CAG रिपोर्ट भेजने में देरी क्यों?: हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को पिछले दिनों नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा में देरी करने के लिए फटकार लगाई. दिल्ली सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुला लिया क्योंकि जस्टिस सचिन दत्ता की सिंगल-जज बेंच ने कहा कि CAG रिपोर्ट को सदन के पटल पर नहीं रखना चाहिए था.

बीजेपी ने CAG रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शराब नीति घोटाले से दिल्ली को 2026 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ है. बीजेपी ने कहा कि AAP के कई नेताओं को दिल्ली शराब घोटाले में रिश्वत दी गई.

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AAP सरकार को हाई कोर्ट  की फटकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने AAP सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि CAG रिपोर्ट पर आपके हस्तक्षेप से आपकी ईमानदारी पर संदेह है. हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर को भेजा जाना चाहिए था और इस पर सदन में बहस होनी चाहिए थी.

क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला?

17 नवंबर 2021 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया, जिसमें सरकार शराब कारोबार से बाहर निकली और पूरी दुकानों को निजी हाथों में सौंप दिया गया. दिल्ली सरकार का दावा था कि उसकी नई शराब नीति से सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा और माफिया राज खत्म होगा. हालांकि, यह नीति शुरू से ही विवादों में रही मामला जब ज्यादा बढ़ गया 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया .

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8 जुलाई 2022 को दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट ने कथित शराब घोटाले का खुलासा किया.

इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया, जिसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की सिफारिश की.

मुख्य सचिव की रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया (जिनके पास आबकारी विभाग भी था) पर गलत शराब नीति बनाने का आरोप लगाया गया. आरोप लगाया गया था कि नई नीति ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया था.

रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई, साथ ही एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ रुपये वापस दिए गए. जबकि ये रकम जब्त की जानी थी.