ORHDC Scam:  भुवनेश्वर: ओडिशा ग्रामीण आवास विकास निगम (ORHDC) के पूर्व प्रबंध निदेशक विनोद कुमार और छह अन्य को भुवनेश्वर की विशेष सतर्कता अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया है. दोषियों में ORHDC के पूर्व कंपनी सचिव स्वोस्ती रंजन महापात्र, पूर्व लेखा अधिकारी प्रदीप कुमार राउत, पूर्व जूनियर लोन अधिकारी सत्य प्रकाश बेहरा, पूर्व सिस्टम एनालिस्ट जनेंद्र स्वैन, पूर्व रिकवरी असिस्टेंट उमेश चंद्र स्वैन और M/s सिटी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक लिंगराज पात्रा शामिल हैं.

 कोर्ट ने सभी दोषियों को तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया. सतर्कता विभाग ने आरोप लगाया था कि दोषियों ने पात्रा को अनधिकृत तरीके से लाभ पहुंचाया. फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से लोन स्वीकृत और वितरित किए गए, जिससे ORHDC को भारी आर्थिक नुकसान हुआ.

11वीं बार दोषी करार

यह विनोद कुमार और अन्य अधिकारियों के खिलाफ ORHDC में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में 11वीं बार दोषसिद्धि है. जांच में यह पाया गया कि इन अधिकारियों ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और अनियमितताओं को अंजाम दिया. गौरतलब है कि विनोद कुमार पहले भी कई भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं, और यह उनकी 11वीं सजा है.