Railway News: प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेलवे स्टेशन या यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में आपने ‘स्वादिष्ट समोसे’ कभी न कभी तो खाएं ही होंगे, लेकिन आज हम आपको रेलवे का वो कथित बेस किचन दिखाने वाला है, जहां ये बनाएं जाते है. रेलवे का कथित बेस किचन इसलिए क्योंकि रेलवे स्टेशन में बेचने जाने वाले तमाम खाद्य पदार्थ उनके बेस किचन में बनाए जाते है. लेकिन रायपुर रेलवे स्टेशन का आलम ये है कि यहां अधिकारियों को खुद नहीं पता कि रेलवे स्टेशन में बेचे जाने वाले समोसे किस बेस किचन में बनते है.


यही कारण है कि लल्लूराम डॉट कॉम ने पूरी पड़ताल की और उस जगह को खोज निकाला जहां गंदगी में इसे बनाया जाता है. आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि जिस घर में स्टेशन की ट्रालियों में बेचे जाने वाले समोसे को बनाया जाता है वो कुए के पानी से बनाया जाता है और उसे गंदगी में तला जाता है.
गुढ़ियारी के जिस घर में इसे बनाया जाता है वहां अब तक कोई भी रेलवे अधिकारी नहीं पहुंचा है और न यहां से बनने वाले समोसे की जांच रेलवे अधिकारियों ने की है.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने न केवल उस घर को खोज निकाला, जहां ये समोसे बनाएं जाते है बल्कि घर के अदर भी टीम पहुंची जहां समोसे बनाएं जा रहे है. समोसे बनाने वाले बताते है कि यहां पिछले 1 साल से समोसे बन रहे है.
इतना ही नहीं लल्लूराम डॉट कॉम की टीम हावड़ा-पोरबंदर ट्रेन की पेंट्रीकार में भी गई, जहां गंदगी और बदबू के बीच समोसे और आलू गुंडे रखे हुए थे और उसी गंदगी में से पेंट्रीकार स्टॉफ ने समोसे निकालकर यात्री को दिए, लेकिन लल्लूराम की टीम को स्टॉफ ने ये बताया था कि उक्त समोसे खराब हो गए है और उसे फेंकना है.
हालांकि हमारी टीम ने उक्त समोसे को यात्री तक पहुंचने नहीं दिया और पेंट्रीकार स्टॉफ ने उसे दूसरे समोसे दिए.