चंडीगढ़ : 13 साल पहले शुरू हुआ और 2017 में रुका हुआ चंडीगढ़ मेट्रो प्रोजेक्ट फिर से पटरी पर लाने की कवायद तेज हो गई है। मंगलवार, 17 जून 2025 को चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति की बैठक होगी। इस बैठक में रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (RITES) लिमिटेड द्वारा तैयार ‘सीनैरियो एनालिसिस रिपोर्ट (SAR)’ पर चर्चा होगी। इस रिपोर्ट में मेट्रो प्रोजेक्ट के सभी पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।

बैठक की अध्यक्षता चंडीगढ़ प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा नवंबर 2024 में गठित संयुक्त समिति करेगी। समिति पहले जनवरी और फरवरी 2025 में दो बैठकें कर चुकी है।

RITES रिपोर्ट में क्या है?

RITES की रिपोर्ट में ट्रैफिक मांग, जोनल विश्लेषण, हाईवे नेटवर्क, यात्री संख्या, संचालन घंटे, रेल संचालन योजना, बिजली आपूर्ति, निर्माण लागत, और आर्थिक-वित्तीय लाभ-हानि का विस्तृत अध्ययन शामिल है। प्रस्तावित मेट्रो तीन कॉरिडोर में 85.65 किलोमीटर लंबी होगी। इसकी अनुमानित लागत ₹23,263 करोड़ (एलिवेटेड) और ₹27,680 करोड़ (अंडरग्राउंड) है। 2031 तक कुल लागत ₹25,631 करोड़ (एलिवेटेड) और ₹30,498 करोड़ (अंडरग्राउंड) तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट में 30 साल (5 साल निर्माण + 25 साल संचालन) के लिए वित्तीय आंतरिक रिटर्न दर (FIRR) का अनुमान भी लगाया गया है, जो एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए 5.26% और अंडरग्राउंड के लिए 4% है। किराया ढांचा दिल्ली मेट्रो की दरों पर आधारित होगा, जिसमें हर साल 5% वृद्धि का अनुमान है।


RITES से मांगा गया स्पष्टीकरण

  • समिति ने RITES से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिनमें शामिल हैं:
  • वास्तविक बनाम अनुमानित यात्री संख्या की तुलना (CAG रिपोर्ट के आधार पर)
  • संचालन खर्च और आय का विवरण (घटाव और पूंजी ब्याज को छोड़कर)
  • RITES द्वारा उपयोग किए गए सॉफ्टवेयर मॉडलिंग की विश्वसनीयता
  • दिल्ली मेट्रो किराए में वृद्धि की वास्तविकता और 5% वार्षिक वृद्धि की वैधता
  • 3% वार्षिक ट्रैफिक वृद्धि दर के अनुमान की पुनर्समीक्षा