वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। पुलिस ने अवैध शराब कारोबार करने वालों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए करीब 50 लाख रुपये की अवैध संपत्ति को फ्रीज करने के लिए कोर्ट को प्रतिवेदन भेजा है. यह कार्रवाई धारा 107 बीएनएसएस के तहत की गई है और यह प्रदेश में इस कानून के तहत पहली कार्रवाई मानी जा रही है.


संगठित गिरोह पर कसा शिकंजा
पुलिस की जांच में सामने आया कि कोनी थाना क्षेत्र के आरोपी संतोष वर्मा, उनकी पत्नी देवीबाई वर्मा और पुत्र राहुल वर्मा मिलकर वर्षों से अवैध महुआ शराब बनाने और बेचने का संगठित कारोबार चला रहे थे. इन पर पहले भी कई बार कानूनी कार्रवाई की गई, लेकिन इसके बावजूद इनके अवैध काम में कोई कमी नहीं आई.
50 लाख की संपत्ति किया गया जब्त
पुलिस जांच में पाया गया कि आरोपियों ने अवैध शराब कारोबार से अर्जित पैसों से एक प्लाट, दो मंजिला मकान, एक ट्रैक्टर, एक स्विफ्ट कार और दो मोटरसाइकिलें खरीदीं. इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जा रही है. आरोपियों की आय का कोई वैध स्रोत नहीं है जिससे वे यह संपत्ति अर्जित कर सकें.


कोर्ट में प्रतिवेदन पेश
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह के निर्देश पर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जायसवाल व नगर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रमोद साबद्रा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोनी राहुल तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कार्रवाई की. जांच के बाद अवैध संपत्ति जब्ती का विस्तृत प्रतिवेदन सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है, जिस पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.
कानून तोड़ने वालों को मिलेगा सबक : पुलिस
पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई प्रदेश में अवैध शराब कारोबार करने वालों के लिए एक सख्त संदेश है. इससे न केवल ऐसे संगठित अपराधियों पर लगाम लगेगी बल्कि आम जनता में कानून पर विश्वास भी मजबूत होगा. पुलिस ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी इस तरह की अवैध गतिविधियों पर इसी तरह सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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