भारतीय परंपरा में रसोई को देवी अन्नपूर्णा का स्थान माना गया है. यहां रखा गया अन्न केवल शरीर का पोषण नहीं करता, बल्कि घर की उन्नति, संतुलन और मानसिक ऊर्जा से भी जुड़ा होता है. इसलिए रसोई घर में जब भी कोई राशन रखे उसका एक निश्चित स्थान बताया गया है.

चावल

चावल को शीतलता और चंद्र ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. इसे रसोई में पूर्व या उत्तर दिशा में साफ, ढंके हुए बर्तन में रखना शुभ होता है. खुले में या जमीन पर रखने से घर में वास्तु दोष और मानसिक अस्थिरता बढ़ सकती है.

गेहूं

गेहूं, जिसे सूर्य और पितृ शक्ति से जोड़ा जाता है, उसे धातु के डिब्बे में दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें. प्लास्टिक या नमी वाले स्थान पर रखना धन-संकट और पारिवारिक मतभेद को आमंत्रित कर सकता है.

नमक

नमक, घर की ऊर्जा का शोषक होता है. इसलिए इसे हमेशा सीलबंद बर्तन में रखें, खुला नमक नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.

कुछ परंपराएं कहती हैं कि नमक को कभी सीधे हाथ से न निकालें, चम्मच या लकड़ी के टुकड़े से ही लें. इन तीनों को साफ, ऊँचाई पर और संयम से रखने की परंपरा सिर्फ सौंदर्य नहीं, वास्तु और मानसिक संतुलन की कुंजी है. जहां अन्न अपमानित होता है, वहां दरिद्रता और रोग घर करने लगते हैं.