Bihar News: अमेरिकी इतिहासकार वाल्टर हाउजर और उनकी पत्नी के अस्थि कलश लेकर उनकी बेटी शीला समेत पूरा परिवार अमेरिका से आज गुरुवार (26 जून) को पटना पहुंचा. यह परिवार स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि पर अस्थि विसर्जन के लिए आया था. परिवार ने दीघा घाट पर स्टीमर पर सवार होकर गंगा नदी के बीच में वाल्टर और उनकी पत्नी के अस्थियों का विसर्जन किया.
स्वामी सहजानंद सरस्वती के शिष्य थे वाल्टर
इस मौके पर वाल्टर हाउजर की बेटी शीला ने बताया कि, उनका परिवार बिहार से है, लेकिन उनका पालन-पोषण यूपी के इलाहाबाद में हुआ, जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा, “मेरा घर यही है. भारत में मेरा नाम शीला है. मेरे पिता (वाल्टर हाउजर) स्वामी सहजानंद सरस्वती के शिष्य थे.”
वाल्टर ने स्वामीजी पर किया था शोध
इस मौके पर मौजूद रहे श्री सीताराम आश्रम के सचिव डॉक्टर सत्यजीत ने बताया कि, आज स्वामी सहजानंद सरस्वती की 75वीं पुण्यतिथि है. वाल्टर हाउजर ने स्वामीजी पर शोध किया था और बिहार व झारखंड में उनके सहयोगियों से मिलकर रिसर्च पेपर तैयार किया.
रिसर्च के दौरान स्वामीजी के प्रति उनका भावनात्मक लगाव हो गया. वाल्टर ने स्वामीजी की कुछ पुस्तकों का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया, जो विश्व भर के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं. शीला का जन्म इलाहाबाद में हुआ था. 93 वर्ष की आयु में वाल्टर हाउजर का निधन हो गया.
बता दें कि वाल्टर और उनकी पत्नी ने अपनी इच्छा में ईसाई रीति-रिवाजों के बजाय दाह संस्कार और गंगा में अस्थि विसर्जन की बात कही थी, जो उनके बिहार की संस्कृति से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है.
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