मनेंद्र पटेल, दुर्ग। दुर्ग नगर निगम क्षेत्र के शक्ति नगर स्थित एक तालाब में खरपतवार हटाने के लिए डाली गई रासायनिक दवा ने जल जीवन को जहरीला बना दिया। दवा के प्रभाव से हजारों मछलियों की मौत हो गई, जिससे आसपास के इलाकों में बदबू फैल गई है और लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए निगम कमिश्नर सुमीत अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और तालाब की सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है।

दरअसल, वार्ड 17 शक्तिनगर में स्थित तालाब जलकुंभी और खरपतवार से भरा पड़ा था, आसपास के लोग इसमें मछलियां पकड़ने का काम करते थे। वहीं निगम ने एक माह पहले खरपतवार खत्म करने के लिए इसमें दवाई का छिड़काव कराया, जिससे खरपतवार तो खत्म हो गई, लेकिन इसके साथ ही मछलियां भी मर गईं।

तालाब में इस तरह मछलियों के मरने से आसपास क्षेत्र में बदबू फैलने लगी, जिससे आसपास के रहवासियों का रहना मुश्किल हो गया है। यह स्थिति बीते दो दिनों से बनी हुई है। शक्ति नगर तालाब से लगी चार बस्तियां हैं। इनमें शक्ति नगर, शांति नगर, कादंबरी नगर और महात्मा गांधी नगर शामिल हैं। बस्ती के लोगों के आक्रोश को देखते हुए निगम प्रशासन ने बुधवार को मरी मछलियों को निकालने का काम शुरू किया। साथ ही अगले एक-दो दिनों में तालाब का पानी भी खाली कराने की तैयारी है।

वहीं दुर्ग महापौर अल्का बाघमार का कहना है कि इस मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी कि आखिरकार किसकी गलती से यह घटना हुई है। वहीं पानी का सैंपल लेकर जांच किया जा रहा है। तालाब से मरी हुई मछलियों को निकाल कर अन्य जगहों पर दफनाया गया है। वहीं वार्ड 18 के स्थानीय पार्षद देवनारायण चंद्राकर ने किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा तालाब में ज़हर डालने की आशंका भी जताई है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच निगम कर रही है।