लखनऊ। धर्मातरण के लिए प्रेरित करने के मामले में चल रही विभागीय जांच में सेवानिवृत्त आईएएस इफ्तिखारुद्दीन (IAS Iftikharuddin) को राहत मिल सकती है। हालांकि, इसी मामले में एसआईटी की जांच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विशेष एजेंसी से विवेचना कराए जाने की संस्तुति की गई थी।
उच्चस्तर पर निर्णय होगा
सूत्रों के मुताबिक, विभागीय जांच में इफ्तिखारुद्दीन (IAS Iftikharuddin) पर किताबें छापकर बांटने का आरोप साबित नहीं हुआ है। धार्मिक किताब प्रकाशित कराने की सूचना उन्होंने नियुक्ति विभाग को दी थी और उनका कहना है कि यह उनका मूल लेखन नहीं है, बल्कि इधर-उधर से से संकलित किया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विभागीय जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है। निर्णय उच्चस्तर पर ही होगा।
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बता दें कि उप्र राज्य परिवहन निगम के तत्कालीन चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुचीन(IAS Iftikharuddin) के धर्मातरण को लेकर वर्ष 2021 में कथित वायरल वीडियो को शासन ने गंभीरता से लिया था। उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया था। ये फरवरी 2022 में सेवानिवृत्त हो गए।
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